IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 9 फरवरी से होना है जिसका पहला मैच नागपुर के मैदान पर खेला जाना है. ऑस्ट्रेलिया ने साल 2004 के बाद से भारत को उसकी सरजमीं पर नहीं हराया है और वो इस बार हार के सिलसिले को तोड़ने की कोशिश करती नजर आयेगी.
वहीं इस दौरे से पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर स्टीव ओ कीफ ने वो रास्ता सुझाया है जिससे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का पुराना दौर लौट सकता है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम खेल के तीनों प्रारूप में अपना दबदबा कामय कर सकेगी.
अगर ऐसा किया तो लौट आएगा ऑस्ट्रेलिया का पुराना दौर
स्टीव ओ कीफ का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया को खेल के हर प्रारूप के लिये अलग-अलग कोच रखना चाहिये जिससे एक व्यक्ति पर दबाव कम होगा और वो एक बार फिर से तीनों प्रारूप में 90 के दशक का दबदबा बनाने में कामयाब हो सकती है.ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम को भारत के दौरे पर टेस्ट और वनडे सीरीज खेलनना है और इस दौरान टीम की जिम्मेदारी एंड्रयू मैकडॉनल्ड को दी गई है.
एंड्रयू मैकडॉनल्ड ने पिछले साल पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला से पहले जस्टिन लैंगर की जगह ली थी. ऑस्ट्रेलिया के लिए नौ टेस्ट और सात टी20 अंतर्राष्ट्रीय खेलने वाले ओ'कीफ का मानना है कि अगर दो कोच वाला तरीका इंग्लैंड के लिए कारगर हो सकता है, तो कोई कारण नहीं है कि यह ऑस्ट्रेलिया के लिए काम नहीं करेगा. इंग्लैंड ने टेस्ट और सफेद गेंद प्रारूप में अलग-अलग कोच रखने के बाद अच्छा प्रदर्शन किया है.
ऑस्ट्रेलिया को अपनाना होगा इंग्लैंड का तरीका
कोच ब्रेंडन मैकुलम के नेतृत्व में टेस्ट टीम ने 10 में से नौ टेस्ट जीते हैं, जबकि मैथ्यू मॉट के नेतृत्व में इंग्लैंड ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप जीता था. ऑस्ट्रेलिया के यह साल काफी व्यस्त रहेगा. इसमें टीम को बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला, एशेज और भारत में एकदिवसीय विश्व कप जैसे अहम टूर्नामेंट शामिल हैं. ओ'कीफ का मानना है कि अगल कोच रखने का यह सही समय है.
‘एसईएन रेडियो’ से बात करते हुए ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व स्पिनर ने कहा,‘मुझे लगता है कि इंग्लैंड के तरीके का पालन करना कारगर होगा. टीम के कोच पर यात्रा करने का बहुत दबाव होता है, वे साल में कभी-कभी 300 दिन घर से दूर रहते हैं. ऑस्ट्रेलिया को आने वाले समय में भारत और इंग्लैंड का सामना करना है. यह काफी दबाव वाला टूर्नामेंट होता है. मुझे लगता है कि टी20, एकदिवसीय और टेस्ट के लिए कोच का एक पूल तैयार कर इस बोझ को कम किया जा सकता है.'
टीम को हर प्रारूप में अलग कोच की जरूरत
ओ'कीफ ने कहा कि अलग-अलग कोच समय की जरूरत थी क्योंकि विभिन्न प्रारूपों में क्रिकेट अलग-अलग तरीके से विकसित हुआ था.
उन्होने कहा,‘अब हर प्रारूप दूसरे से काफी अलग है. मैं एंड्रयू मैकडोनाल्ड की काबिलियत पर शक नहीं कर रहा हूं. वह एक शानदार कोच हैं, लेकिन मुझे लगता है कि भविष्य में अगर हमारे पास सफेद गेंद और लाल गेंद प्रारूप में अलग कोच होते है तो यह आगे बढ़ने का सही तरीका होगा.’
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