बल्लेबाजी की ट्रेनिंग ले रहा ये क्रिकेटर बन गया महान स्पिनर, फिर भारत को जिताए दो विश्वकप

हरभजन सिंह ने 1998 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. तब मोहम्मद अजहरुद्दीन टीम इंडिया के कप्तान थे. लेकिन भज्जी के करियर को सौरव गांगुली ने निखारा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 3, 2022, 06:28 AM IST
  • बनना चाहता था बैट्समैन पर बन गया स्पिनर
  • भारत को जितवाए इसने दो बार विश्व कप
बल्लेबाजी की ट्रेनिंग ले रहा ये क्रिकेटर बन गया महान स्पिनर, फिर भारत को जिताए दो विश्वकप

नई दिल्ली: दुनियाभर में तमाम ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने मैदान पर कदम रखने के बाद अपना इरादा बदला. कोई पहले बल्लेबाज बनना चाहता था और गेंदबाज बन गया तो कोई खिलाड़ी पहले गेंदबाज बनना चाहता था और नियति ने उसे बल्लेबाज बना दिया. ऐसे क्रिकेटर हैं दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह.

हरभजन सिंह ने 2021 में ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा. उन्होंने टीम इंडिया की 2007 और 2011 की ऐतिहासिक विजयों में अहम योगदान दिया लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि वे क्रिकेट के अपने शुरुआती दिनों में बल्लेबाज बनना चाहते थे.

हरभजन को शुरू में बल्लेबाज बनाने की हुई कोशिश

हरभजन सिंह ने अपनी शुरुआती शिक्षा जय हिंद मॉडल स्कूल से पूरी की. महज 12 साल होने के बाद उनके पिताजी ने उन्हें क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करवा दी. शुरुआत में उन्हें कोच चरणजीत सिंह भुल्लर बल्लेबाज बनाने की ट्रेनिंग दे रहे थे लेकिन उनके जीवन में कुछ और ही लिखा था.  

घर से दूर रह पाना भज्जी के लिए था मुश्किल

क्रिकेट एकेडमी शहर से दूर होने के कारण हरभजन सिंह को घर छोड़ना पड़ा. घर से दूर होने के कारण उनका दिल वहां नहीं लग रहा था. उन्होंने एकेडमी छोड़ कर घर वापस जाने की ठान ली और अपना सामान लेकर घर के लिए निकल पड़े वह ऑटो का इंतजार कर ही रहे थे. तभी उनके कोच ने उन्हें रोक लिया. वहां उनके कोच चरणजीत सिंह भुल्लर थे. जो हरभजन सिंह को एक बल्लेबाज के रूप में प्रशिक्षण दे रहे थे.

कोच देवेंद्र अरोड़ा स्पिनर बनने की दी प्रेरणा

उनकी जिंदगी ने बदलाव आया जब उनके कोच चरणजीत सिंह भुल्लर के निधन के बाद उनके नए कोच देवेंद्र अरोड़ा ने उन्हें ऑफ स्पिनर बनने के लिए प्रोत्साहित किया. जिस तरह वह अपनी गेंदबाजी पर मेहनत करते थे. वह देखकर उनके कोच देवेंद्र को भी उत्साह बढ़ता था.

हरभजन सिंह का इंटरनेशनल करियर

हरभजन सिंह ने 1998 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. तब मोहम्मद अजहरुद्दीन टीम इंडिया के कप्तान थे. लेकिन भज्जी के करियर को सौरव गांगुली ने निखारा और उन्हें दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाज बना दिया. हरभजन अनिल कुंबले और कपिल देव के बाद टेस्ट में 400 से ज्यादा विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज थे. हालांकि अब आर अश्विन उनसे आगे निकल गए हैं.

हरभजन ने 103 टेस्ट में 417, 236 वनडे में 269 और 28 टी20 में 25 विकेट चटकाए हैं. उन्होंने 163 आईपीएल मैचों में 150 विकेट भी लिए हैं.

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