Asia cup 2022: फाइनल में श्रीलंका को हराना नहीं होगा आसान, टीम इंडिया के इन गेंदबाजों पर होगा दारोमदार

Asia Cup 2022 Final Match: एशिया कप के फाइनल में पहुंचने से पहले टीम इंडिया का सामना थाईलैंड की टीम से हुआ था, जिसमें टीम इंडिया ने थाईलैंड को 74 रनों से धूल चटा दी थी. वहीं एशिया कप का दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच खेला गया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 14, 2022, 06:01 PM IST
  • थाईलैंड को धूल चटा पहुंची टीम इंडिया फाइनल में
  • टीम के युवा खिलाड़ियों ने दिखाया था जलवा
Asia cup 2022: फाइनल में श्रीलंका को हराना नहीं होगा आसान, टीम इंडिया के इन गेंदबाजों पर होगा दारोमदार

नई दिल्लीः Asia Cup 2022 Final Match: एशिया कप में विगत सात वर्षों से भारतीय महिला क्रिकेट टीम अपनी बादशाहत की डंका बजाए हुए है. इस साल बांग्लादेश की मेजबानी में एशिया कप का 8वां संस्करण खेला जा रहा है और इस सीजन के साथ-साथ पिछले सात सीजन में भी टीम इंडिया ने अपनी पराक्रम के बदौलत फाइनल मैच तक खुद को लाई है. पिछले संस्करण में बांग्लादेश के हाथों हार जाने के कारण टीम खिताब जीतने में नाकाम हुई थी, लेकिन इससे पहले के 6 संस्करण में खिताब जीतने का रिकार्ड भारतीय महिला क्रिकेट टीम के नाम है. 

थाईलैंड को धूल चटा पहुंची टीम इंडिया फाइनल में 

एशिया कप के फाइनल में पहुंचने से पहले टीम इंडिया का सामना थाईलैंड की टीम से हुई थी. जिसमें टीम इंडिया ने थाईलैंड को 74 रनों से धूल चटा दिया. वहीं एशिया कप का दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच खेला गया था. जिसमें श्रीलंका की टीम ने एक रन से जीत हासिल करते हुए फाइनल मैच में जगह बनाई थी. अब एशिया कप का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच 15 अक्टूबर को सिलहट के मैदान पर खेला जाना है. एक बार टीम इंडिया फिर चाहेगी कि वो अपनी बादशाहत को कायम रखते हुए फाइनल मुकाबला जीतें. अगर टीम इंडिया फाइनल मैच में विजयी होती है, तो टीम के नाम एशिया कप के 7 खिताब हो जाएंगे.

एक तरफ भारत ने सीरीज में लगातार जीत अपने नाम किया तो दूसरी तरफ इस प्रतियोगिता के माध्यम से भारत को अपने दूसरी श्रेणी के खिलाड़ियों को आजमाने का मौका मिला. इससे भारतीय टीम की मजबूती का भी पता चला क्योंकि उसने कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना के बहुत योगदान नहीं देने के बावजूद आसानी से फाइनल में जगह बनाई.

टीम के युवा खिलाड़ियों ने दिखाया था जलवा

भारतीय टीम का प्रभाव इस कदर रहा कि कप्तान हरमनप्रीत ने केवल चार मैच खेले जिसमें उन्होंने 81 रन बनाए तथा 72 गेंदों का सामना किया. यहां तक कि तीन मैचों में कप्तानी का जिम्मा संभालने वाली स्मृति मंधाना भी एक मैच में नहीं खेली थी. उन्होंने भी अपनी तरफ से बहुत अधिक योगदान नहीं दिया. टूर्नामेंट की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि जूनियर खिलाड़ियों ने दबाव की परिस्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन किया. तीन युवा खिलाड़ियों - 18 वर्षीय शेफाली वर्मा (161 रन और तीन विकेट), 22 वर्षीय जेमिमा रोड्रिग्स (215 रन) और 25 वर्षीय दीप्ति शर्मा (94 रन औैर 13 विकेट) ने बखूबी जिम्मेदारी संभाली.

टीम इंडिया को पाकिस्तान से मिली थी हार

भारत को इस टूर्नामेंट में एकमात्र हार चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से मिली. हालांकि भारत को पाकिस्तान से बदला लेने का मौका नहीं मिला क्योंकि श्रीलंका ने सेमीफाइनल में उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया. जहां तक फाइनल का सवाल है तो भारत का पलड़ा भारी नजर आता है क्योंकि श्रीलंका की तरफ से केवल एक बल्लेबाज ओशादी रणसिंघे 100 से अधिक स्ट्राइक रेट से रन बना पाई हैं. यही नहीं टीम के केवल दो बल्लेबाजों हर्षिता मडावी (201 रन) और निलाक्षी डी सिल्वा (124 रन) को छोड़कर टीम के किसी प्लेयर ने टूर्नामेंट में अब तक 100 से अधिक रन नहीं बनाए हैं.  यहां तक कि उसकी नामी बल्लेबाज चमारी अटापट्टू केवल 96 रन बना पाई है और उनका स्ट्राइक रेट 85 है. 

गेंदबाजी में केवल एक गेंदबाज बाएं हाथ की स्पिनर इनोका रणवीरा (12 विकेट) ही प्रभाव छोड़ पाई है. ऐसे में श्रीलंका के लिए भारत जैसी टीम को टक्कर देना बहुत मुश्किल होगा. हालांकि चार साल पहले मलेशिया में बांग्लादेश ने भारत को उलटफेर का शिकार बना कर खिताब जीत लिया था. सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराने के बाद श्रीलंका के हौसले बुलंद होंगे लेकिन फाइनल उसके लिए कड़ी परीक्षा बनने जा रहा है.

टीम के पास मौजूद है धाकड़ स्पिनर

भारतीय खिलाड़ियों में जेमिमा अपने खेल में निरंतरता दिखाई है जबकि दीप्ति ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में जिम्मेदारी भरा प्रदर्शन किया है. टूर्नामेंट से पहले खराब फॉर्म में चल रही शेफाली ने लय हासिल कर ली है. उनकी लेग ब्रेक गेंदबाजी भी उपयोगी साबित हुई है. भारत इसलिए खिताब का दावेदार है क्योंकि उसका स्पिन आक्रमण बेहद मजबूत है जिसमें दीप्ति, राजेश्वरी गायकवाड और स्नेह राणा ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है. परिस्थितियां वैसे भी स्पिनरों के अनुकूल है और ऐसे में भारतीय टीम फाइनल में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी. 

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