एनसीपी चीफ शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है. क्यों की है, नहीं पता. बस यही वजह है कि कोरोना संकट के बीच महराष्ट्र की राजनीति में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. हड़कंप की वजह शरद पवार की पुरानी मुलाकातों का इतिहास है
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इन दिनों कांग्रेस की खूब जुबानी धुलाई कर रही हैं. प्रवासी मजदूरों से लेकर गरीबी तक हर समस्या के लिये मायावती कांग्रेस को ही जिम्मेदार बता रही हैं. इससे उनकी भाजपा के साथ जाने की चर्चाएं तेज हो गयी हैं.
बेबसी-लाचारी और तकलीफ से मजदूर पिसा जा रहा है, लेकिन सियासतदानों को दुकान चमकाने में मजा आ रहा है. भला इस गंदी सियासत में कोई और कितना गिर सकता है आपको इस खास रिपोर्ट के जरिए समझाते हैं...
बिहार में जैसे जैसे दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी लोगों के आने का सिलसिला तेज हो रहा है वैसे वैसे राजनीति भी तीखी होती जा रही है. विपक्ष ने इसे राजनीति का जरिया बना लिया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आज समग्र देश को जिनके लिए गौरव है, ऐसे राजा राममोहन राय जी की जन्मजयंती है. इस मौके पर मेरा पश्चिम बंगाल की इस पवित्र धरती पर होना मन को छूने वाली बात होती है लेकिन संकट की घड़ी से जूझ रहे हैं
प्रियंका गांधी वाड्रा के बस ड्रामा को लेकर नया विवाद सामने आया है. अब राजस्थान की गोहलोत सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को 36.36 लाख रुपये का बिल भेजा...
मज़दूरों के पलायन पर सोनिया गांधी के बैठक से पहले विपक्ष बिखर गया. BSP, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी मीटिंग में शामिल नहीं होगी. आर्थिक पैकेज, लॉकडाउन, कोरोना महामारी पर होगी चर्चा...
भारत को लोकतंत्र प्रदान करने की दुहाई देने वाली कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार पर सवाल उठाना सख्त मना है. ऐसा इसलिये कहा जा रहा है क्योंकि जो भी गांधी परिवार के सदस्यों पर सवाल उठाता है उसे पार्टी में दरकिनार कर दिया जाता है.
मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे 6 मंत्रियों के आवास सील कर दिये गए हैं. हालांकि आवास सील करने के पीछे कोरोना वायरस का कोई लेना देना नहीं है.
बे'बस' मजदूरों की आड़ में सियासी दुकान चमकाने के लिए कांग्रेस ने बस को अपना हथियार बनाने की कोशिश की, मुद्दे को जमकर भुनाने की तैयारी भी चली. इस बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के इस पाखंड पर तीखे सवाल पूछे हैं...
अदिति पार्टी महासचिव प्रियंका की सबसे करीबी हैं. उनका ही रुख अगर कांग्रेस के प्रति इस तरह का है तो यह बचे-खुचे समर्थकों को भी नकारात्मक संदेश देगा. गौर करने वाली बात है, इस बार उन्होंने सीधे करीबी प्रियंका वाड्रा को निशाने पर लिया है
देशभर के कई राज्यों से मजदूर पैदल चलकर उत्तरप्रदेश के बॉर्डर तक पहुंच गए हैं. कांग्रेस शासित राज्यों की नाकामियों को छिपाने के लिए प्रियंका गांधी उत्तरप्रदेश की सरकार को मजदूरों की बेबसी के लिये आरोपी बनाने की कोशिश कर रही हैं.
पूरे देश में प्रवासी मजदूर कठोर समस्याओं का सामना कर रहे हैं लेकिन उनकी तकलीफों का समाधान करने के बजाय गरीबी और मजदूरी को राजनीतिक हथियार के रूप में कांग्रेस प्रयोग कर रही है.
पूरे देश को कोरोना वायरस से बचाने का संघर्ष इस समय सभी सरकारें कर रही हैं लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना का संक्रमण लगातार फैलने के बावजूद शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार सियासत कर रही है.
मुद्दा चाहें कोई भी हो कांग्रेसियों की फितरत सिर्फ एक ही है. राजनीतिक रोटी सेंकना, प्रियंका गांधी वाड्रा भी उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसा ही करने में जुटी हैं. लेकिन सीएम योगी ने जब ये जवाब दिया हो प्रियंका की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई...
जब से कोरोना का कहर देश मे व्याप्त हुआ है तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत से देशवासी गदगद हैं. ये बात विपक्षी दलों नहीं पच रही है और वे 'तुच्छ' राजनीति करके पॉइंट स्कोर करना चाहते हैं.
ज़ी हिंदुस्तान के ई विमर्श शो में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बात की. उन्होंने भी कोरोना वायरस और उसके कारण उत्पन्न हुई समस्याओं पर विस्तार से बातचीत की है.
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार पर हमेशा विपक्ष वोट बैंक के लिए मजहबी कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाता रहता है. ममता सरकार के क्रिया कलापों के कारण समय समय पर ये आरोप सत्य भी साबित हो जाते हैं.