भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सत्ता को ध्वस्त करके भाजपा का कमल खिलाने में अहम योगदान देने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है. भाजपा ने सिंधिया को राज्यसभा भेज दिया है. कांग्रेस ज्योतिरादित्य के खिलाफ कोई भी ऐसा तथ्य और मुद्दा छोड़ना नहीं चाहती जिससे सिंधिया सहज न हों. सत्ता जाने का दुख मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं में अब तक बरकरार है.
कांग्रेस नेता ने निर्वाचन पर उठाए सवाल
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने सिंधिया के राज्यसभा निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. अपनी याचिका में गोविंद सिंह ने आरोप लगाया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करते समय एफिडेविट में कुछ तथ्य छिपाए थे.
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2018 में हुई FIR को सिंधिया ने चुनाव आयोग से छिपाया- कांग्रेस
उल्लेखनीय है कि साल 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकारा भी था, अब वह कांग्रेस में नहीं हैं और भाजपा से राज्यसभा के सांसद चुने गए हैं. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने सिंधिया के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है.
गोविंद सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लेटे हुए कहा कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में वही लोग जा रहे हैं, जो राजनीति को जनसेवा नहीं, व्यवसाय समझते हैं.