जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस सरकार बड़े संकट में है. 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अशोक गहलोत अपनी सरकार का पूर्ण बहुमत साबित करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा था कि जब से विधानसभा सत्र शुरू को मंजूरी मिली है तब से राजस्थान में विधायकों के रेट बहुत बढ़ गए हैं. दूसरी तरफ भाजपा भी कांग्रेस पर जनसेवा से भागने और कुर्सी बचाने का आरोप लगा रही है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर किया हमला
गहलोत सरकार का सार:
मौज मस्ती, सैर सपाटा, खाना पीना, अंताक्षरी खेलना, फिल्म देखना और दूसरों की गलती निकालना!#बाड़े_में_सरकार— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) August 2, 2020
राजस्थान में कांग्रेस में चल रहे अंदरूनी घमासान में भाजपा भी खूब रुचि ले रही है. केंद्र सरकार में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर चुटकी ली है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि गहलोत सरकार का सार ये है मौज-मस्ती, सैर-सपाटा, खाना-पीना, अंताक्षरी खेलना, फिल्म देखना और दूसरों की गलती निकालना. इसके साथ उन्होंने 'बाड़े में सरकार' हैशटैग का इस्तेमाल किया.
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विधायकों को इधर उधर छिपा रही कांग्रेस
गौरतलब है कि गहलोत खेमे के सभी विधायकों को जैसलमेर स्थित सूर्यगढ़ रिजॉर्ट में शिफ्ट किया जा चुका है. कांग्रेस को डर है कि उसके विधायक पाला बदल सकते हैं और भाजपा से हाथ मिला सकते हैं. इससे अभिप्राय ये है कि कांग्रेस को अपने विधायकों की निष्ठा पर भरोसा नहीं है.
अशोक गहलोत ने कहा था कि भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरा गृह मंत्रालय कांग्रेस सरकार ध्वस्त करने के काम में लग चुका है. धर्मेंद्र प्रधान की तरह कई मंत्री लगे हुए हैं, पीयूष गोयल लगे हुए हैं, कई नाम छुपे रुस्तम की तरह भी वहां पर हैं, हमें मालूम है.