भाजपा ने मणिपुर विधानसभा में जीता विश्वास मत, कांग्रेस विधायक रहे नदारद

कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया. सिंह के विश्वास प्रस्ताव को विधानसभा में एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान लंबी चर्चा के बाद मत-विभाजन के लिए रखा गया जिसमें सरकार सफल रही.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 10, 2020, 11:32 PM IST
    • कांग्रेस ने 28 जुलाई को राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था
    • 60 सदस्यों वाले सदन में अब 53 विधायक हैं
भाजपा ने मणिपुर विधानसभा में जीता विश्वास मत, कांग्रेस विधायक रहे नदारद

इम्फालः इधर सभी लोग राजस्थान में उलझे रहे उधर मणिपुर में संकट में फंसी भाजपा ने आखिर विश्वास मत जीत लिया. मणिपुर विधानसभा में खड़ा हुआ सियासी संकट का सोमवार पटाक्षेप हो गया. भाजपा नीत एन बीरेम सिंह सरकार को सोमवार को राज्य विधानसभा में 16 के मुकाबले 28 वोट से विश्वास मत हासिल हुआ और जीत मिली. 

कांग्रेस 8 विधायक रहे नदारद
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया. सिंह के विश्वास प्रस्ताव को विधानसभा में एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान लंबी चर्चा के बाद मत-विभाजन के लिए रखा गया जिसमें सरकार सफल रही.

भाजपा और कांग्रेस ने अपने 18 और 24 विधायकों को व्हिप जारी करते हुए विधानसभा में मौजूद रहने और पार्टी लाइन के मुताबिक मत देने के लिए कहा था. 

60 सदस्यों वाले सदन में अब 53 विधायक
कांग्रेस ने 28 जुलाई को राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. कांग्रेस विधायक कीशम मेघचंद्र सिंह ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. मणिपुर विधानसभा की वर्तमान स्थित की बात करे तो 60 सदस्यीय सदन में फिलहाल 53 विधायक मौजूद हैं.

तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, इसके साथ ही दलबदल विरोधी कानून के तहत चार सदस्यों को अयोग्य ठहरा दिया गया था. 

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