दुनिया के सबसे प्राचीन मंदिर भारत में मौजूद हैं. देश की चारों दिशाओं में ऐसे मंदिर मौजूद हैं जहां सालाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. जम्मू-कश्मीर में स्थित इस बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की वजह से यह मंदिर दुनियाभर में हिंदू आस्था का केंद्र भी हैं.
दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति के रूप में भारत में कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. देश की चारों दिशाओं में बेहद विशाल और पुराने मंदिरों की मौजूदगी है. इनमें से कुछ मंदिर ऐसे भी जहां दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा होती है. इन मंदिर में हम वैष्णो देवी, कामाख्या देवी, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग और श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को रख सकते हैं.
statista.com वेबसाइट के मुताबिक भारत में देवी आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में से एक वैष्णो देवी मंदिर में 2023 में 93 लाख श्रद्धालु पहुंचे. माता वैष्णो देवी को महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की अवतार माना जाता है. देवी महाभाग्वद्पुराण में आया एक जिक्र वैष्णो देवी का नाम 'विष्ण प्रिया' बताया गया है. वाराह पुराण के त्रिशक्ति महात्म्य के मुताबिक वैष्णो देवी का जन्म त्रिकाल से बताया गया है. इस मंदिर में हर साल पूरे देश से श्रद्धालु पहुंचते हैं.
असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित कामाख्या देवी के मंदिर में सालाना करीब 35 से 40 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. इस देश को तंत्र साधना के मुख्य केंद्रों में से भी एक माना जाता है. इस मंदिर में बरसात के मौसम में साला अंबूबाची मेला लगता है. इस मेले में मासिक धर्म को उत्सव के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. स्ट्रक्चर के रूप में देखें तो यह मंदिर 8वीं और 9वीं सदी में बनाया गया है.
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग देश के सबसे मशहूर शिव मंदिरों में से एक है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में इसे प्रथम माना जाता है. इस मंदिर में सालाना करीब एक करोड़ श्रद्धालु पहुंचते हैं. हालांकि यह मंदिर पहली बार किसने बनाया, इसे लेकर कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है. कहा जाता है कि वर्तमान स्ट्रक्चर 9वीं सदी में बनाया गया है.
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्नाभस्वामी के मंदिर को दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार किया जाता है. इस मंदिर में सालाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु दुनियाभर से पहुंचते हैं. यह मंदिर भगवान विष्णु के 108 दिव्य देशम् मंदिरों में से एक है. यह वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है.
अगर ऊपर के चारों में मंदिरों में सालाना पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या जोड़ दी जाए तो ये दुनिया के कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा होगी. दुनिया की सबसे कम जनसंख्या वाले देशों की बात करें तो अकेले मंदिर से भी कम है.