साल 1874 में ब्रिटेन ने फिजी को अपने कंट्रोल में लेकर यहां अपनी एक कॉलोनी बनाई. इस दौरान अंग्रेजी बड़ी संख्या में भारतीय मजदूरों को यहां लेकर आते थे और 5 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाकर उनसे मजदूरी करवाते थे.
नई दिल्ली: भारतीय हर जगह हैं. कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में आपको भारतीय जनसंख्या काफी देखने को मिल जाएंगी. क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा देश भी है, जिसे मिनी इंडिया भी बोला जाता है? 'बिजनेस स्टैंडर्ड' की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिजी में 38 प्रतिशत आबादी भारतीय है.
फिजी दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में एक द्वीपीय देश है. यहां सैकड़ों सालों से भारतीय रहते हैं इस देश की राजभाषा भी हिंदी है. फिजी जंगल, मिनरल और पानी के स्त्रोत से संप्न देश है. प्रशांत महासागर के द्वीपों में इसे सबसे संपन्न राष्ट्र माना जाता है. खूबसूरती के मामले में भी यह देश किसी से कम नहीं है.
भारत की तरह फिजी भी ब्रिटिश हुकुमत की गुलामी झेल चुका है. साल 1874 में ब्रिटेन ने फिजी को अपने कंट्रोल में लेकर यहां अपनी एक कॉलोनी बनाई. इस दौरान अंग्रेजी बड़ी संख्या में भारतीय मजदूरों को यहां लेकर आते थे और 5 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाकर उनसे मजदूरी करवाते थे.
फिजी में भारतीय मजदूर गन्ने के खेत में काम करने के लिए आते थे. अंग्रेजों ने उनके सामने शर्त रखी थी कि 5 साल पूरे होने के बाद वे यहां से भारत सकते हैं, हालांकि ज्यादातर मजदूर वहां से कभी भी भारत नहीं लौट सके. साल 1920 और 1930 के दशक में भारी संख्या में भारतीय अपनी मर्जी से फिजी में बस और वहीं रहने लगे. तभी से फिजी को मिनी इंडिया भी कहा जाता है.
फिजी द्वीपसमूह 322 द्वीपों से मिलकर बना है. इनमें से 106 द्वीपों में लोग रहते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख द्वीप वनुआ लेवु और विती लेवु है. यहां 87 प्रतिशत आबादी रहती है. ज्यादातर द्वीपों का निर्माण 15 करोड़ साल पहले ज्वालामुखी फटने से हुआ है. आज भी कई द्वीपों में ज्वालामुखी विस्फोट देखने को मिलते रहते हैं.
फिजी में भारतीयों की संख्या ज्यादा होने पर यहां कई मंदिर भी हैं. यहां का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मंदिर श्री शिव सुब्रमन्या हिंदू मंदिर है. यह मंदिर नादी शहर में स्थित है. काफी मात्रा में हिंदू आबादी होने के कारण फिजी में दीवाली, होली और रामनवमी जैसे त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है. आप इस खूबसूरत देश में अपना ट्रिप भी प्लान कर सकते हैं.