आजकल अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से 10 से 7 लोग किसी ना किसी बीमारी का शिकार हैं. कुछ लोग डायबिटीज की बीमारी का शिकार हैं तो वहीं कुछ लोग हार्ट से संबंधी बीमारियों से परेशान हैं जैसे कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी आदि. ऐसे में आप अपनी डाइट में बदलाव करके इन बीमारियों से निजात पा सकते हैं. चलिए जानते हैं चिया सीड्स के हेल्थ बेनेफिट्स.
Health tips: चिया सीड्स में फाइबर , प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे अन्य मुख्य तत्व मौजूद होते हैं. चिया सीड्स का सेवन शरीर के लिए बेहद लाभकारी होता है साथ ही तरह तरह की बिमारियों को जड़ से खत्म करने में मदद करता है. चिया सीड्स को कुछ टाइम भिगोने के बाद खाना चाहिए. चिया सीड्स के अन्य फायदे जानने के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं.
चिया सीड्स फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है. चिया सीड्स खाने के बाद पानी की प्यास अधिक लगती है, जिससे पेट भरा भरा रहता है और भूख बहुत कम लगती है. ये आपके वजन कम करने के लिए कारगर तरीका है और प्रोटीन युक्त होने की वजह से शरीर को कमजोर भी नहीं महसूस होन देता है.
चिया सीड्स में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस के गुण पाए जाते हैं जो हड्डियों के लिए बेहद जरूरी होते हैं. चिया सीड्स का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और साथ ही हड्डी से संबंधित सारी बिमारी खत्म हो जाती हैं.
चिया सीड्स में फाइबर की मात्रा होती है, जो शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा कर देती है, इससे शरीर में शुगर की मात्रा जल्दी से नहीं बढ़ती. अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैं तो आप रोज सुबह चिया सीड्स का सेवन कर सकते हैं. इससे ब्लड़ शुगर कंट्रोल रहेगा और आप अच्छा महसूस करेंगे.
चिया सीड्स के अंदर ऑमेगा-3 फैटी एसिड्स के गुण पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रोल लेवेल को कंट्रोल करने में मदद करता है. जो ह्रदय संबंधित बिमारियों को कम करता है. ह्रदय संबंधित बिमारियों को कम करने के लिए आप चिया सीड्स का सेवन कर सकते हैं.
चिया सीड्स में फाइबर के तत्व पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को मजबूत करता है. फाइबर खाने से पेट भरा भरा रहता है जिससे आप ज्यादा खाना खाने से बच सकते हैं. जिससे आपका पाचन तंत्र अच्छे से काम करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है.
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.