जयपुर: रविवार को झलाना में संस्थानिक क्षेत्र स्थित टेक्नों हब में IAS एसोसिएशन का साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजन में उत्तर प्रदेश कैडर के सेवा निवृत्त आईएएस डॉ. कुश वर्मा ने अपनी पुस्तक ए टू जेड ऑफ दि सिविल सर्विसेज पर परिचर्चा की.
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IAS अधिकारियों की कार्यक्रम के दौरान चली चर्चा
युवा आईएएस अधिकारी एवं 2016 बैच के द्वितीय टॉपर अतहर आमिर खान ने लेखक डॉ वर्मा से उनकी पुस्तक पर संवाद किया. इस दौरान डॉ वर्मा ने बताया कि सिविल सेवा जन कल्याण के लिये व्यक्ति के अंदर मौजूद अनन्त संभावनाओं को मूर्त रूप देने का सबसे अच्छा जरिया है और यह सेवा समाज की चुनौतियों को सफल तरीके से पूरा करती है. उन्होंने बताया कि सफल सिविल सर्वेंट बनने के लिये कार्यक्षेत्र में उपलब्ध संसाधन के साथ-साथ स्थानीय भाषा के माध्यम से इण्टरेक्ट करना चाहिए ताकि अधिकाधिक सफल परिणाम प्राप्त हो सकें. इसके साथ ही डॉ वर्मा ने बताया कि सिविल सेवा के माध्यम से आप में छुपी हुई नेतृत्व क्षमता मुखर होकर ज्ञान एवं नवाचार के साथ कार्य करने का बेहतरीन मौका उपलब्ध कराती है. डॉ. वर्मा ने अतहर आमिर खान के साथ संवाद करते हुए आईएएस ट्रेनिंग के दौरान किये गये अनुभवों को शेयर किया. उन्होंने राजनीतिक दवाब व अन्य विषम परिस्थितियों में अपने मानसिक संतुलन को कायम रखने के लिये डूज एण्ड डोण्टस का जिक्र किया.
अतहर आमिर की कहीं गई प्रमुख बातें
आईएएस के अम्यर्थियों से संवाद के दौरान अतहर आमिर खान ने कहा कि सिविल सेवा में सफल होने के लिये आवश्यक है कि आप अपनी नॉलेज को रिफाइन करें और उसे टूल के रूप में प्रयोग कर एक रणनीति के तौर पर परीक्षा में अपना बेस्ट परफॉरमेंस दें. सिविल सेवा में इन्जीनियरिंग या मैनेजमेंट में डिग्री का कोई अलग से लाभ नहीं मिलता है. इसके साथ आतिर खान ने यह भी बताया कि अब सिविल सेवा के प्रति आमलोग की सोच में बदलाव आ चुका है. सिविल सेवा में सफल होने के लिये इण्टेलिजेंस, धैर्य एवं तार्किक होना महत्वपूर्ण है.
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आईएएस ऐसोसिएशन की साहित्यिक सचिव एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा कि सिविल सेवा के माध्यम से समाज सेवा का अवसर कम लोगों को ही मिल पाता है. ऐसे में समय के साथ सिविल सेवा के अधिकारियों को भी अपने आप में परिवर्तन करना आवश्यक हो जाता है. ऐसे में लेखक के 40 वर्ष के सिविल सेवा अनुभव को वर्तमान के अधिकारियों के साथ साझा कर सिविल सेवा से समाज की चुनौतियों को किस प्रकार निस्तारित किया जा सकता है, के संबंध में बदलाव आना बहुत जरूरी है.