नई दिल्ली: भारत ने 11 महीने में कोरोनावायरस की वैक्सीन कैसे बनाई और कूटनीतिक तरीके से दुनिया से मिल रही आलोचनाओं और तारीफों का सामना कैसे किया? इस पर एक किताब सामने आई है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीष चंदोरकर ने किताब की कॉपी भेंट की.
मनसुख मांडविया ने किया किताब का विमोचन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किताब को लॉन्च किया. किताब का नाम Braving a viral storm है. आशीष चंदोरकर और सूरज सुधीर ने किताब को लिखा है.
इस किताब में भारत की कोरोना से लड़ाई और विपरीत हालात में वैक्सीन बनाने की चुनौतियों की अंदर की कहानी सामने आई है. आशीष चंदोरकर पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट हैं और फिलहाल WTO में भारत के मिशन डायरेक्टर हैं.
विश्व को कैसे हुआ भारत की वैक्सीन पर भरोसा?
आशीष के मुताबिक भारत की वैक्सीन यात्रा के लिए कैसे पॉलिसी बनाई गई और विश्व को भारत की वैक्सीन पर भरोसा हो इसके लिए कैसे काम किया गया, ये खुलासा किताब में किया गया है. 16 जनवरी 2021 को भारत में वैक्सीन लगाई जानी शुरू की गई. किताब को वैक्सीनेशन के दो साल पूरे होने पर लॉन्च किया गया है.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीष चंदोरकर ने किताब की कॉपी भेंट की. दिल्ली में किताब का विमोचन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने किया.
मांडविया के मुताबिक 'दुनिया जब भारत को सवालों की नजर से देख रही थी, तब भारत ने रिसर्च करके वैक्सीन लॉन्च की और बिना वीआईपी कल्चर के देश भर में वैक्सीन लगाई गई. यहां तक कि पीएम ने भी अपनी उम्र और बारी के हिसाब से वैक्सीन लगवाई.'
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