मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य शरद पवार ने कहा है कि वक्फ संशोधन बिल-2024 को पारित नहीं होने देंगे. रविवार को पवार के निवास पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के डेलिगेशन ने मुलाकात की है. इस दौरान डेलीगेशन ने वक्फ संशोधन बिल-2024 के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और बिल को खारिज करने की मांग की.
डेलिगेशन ने क्या कहा?
डेलिगेशन ने शरद पवार से कहा कि वक्फ संशोधन बिल-2024 भारत के संविधान के खिलाफ है. बोर्ड के महासचिव एमएल फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने पवार को बताया कि यह झूठा दावा किया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई कोई भी जमीन या संपत्ति स्वचालित रूप से इसकी संपत्ति बन जाती है. वास्तविकता यह है कि वक्फ की हजारों एकड़ जमीन अन्य लोगों सहित केंद्र और राज्य सरकारों के अवैध कब्जे में है, और उन्हें वापस पाने के लिए वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, इस विवादित बिल के पारित होने के बाद, सभी जमीन वक्फ बोर्ड के कब्जे से छीन ली जाएंगी.
उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्फ अधिनियम (1995) के तहत, ऐसे विवादों को निपटाने के लिए एक बहु स्तरीय न्यायिक प्रणाली है. वक्फ ट्रिब्यूनल के बाद, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प है. लेकिन इस संशोधन के साथ, सभी न्यायिक मामले जिला कलेक्टर/डीएम को स्थानांतरित कर दिए जाएंगे. देश का कोई भी कलेक्टर सरकार के खिलाफ निर्णय लेने का साहस नहीं करेगा.
पवार ने दिया आश्वासन
डेलिगेशन ने शरद पवार से मांग की कि उनकी पार्टी और इंडिया गठबंधन सरकार पर दबाव डालें ताकि बिल वापस लिया जा सके. पवार ने मुस्लिम प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि हम किसी भी परिस्थिति में इस बिल को संसद में पारित नहीं होने देंगे. बोर्ड के महासचिव ने पवार को इस आश्वासन के लिए धन्यवाद दिया.
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