मोरबी हादसे के बाद ये राज्य सरकार हुई अलर्ट, जारी किया सभी पुलों के सेफ्टी ऑडिट का आदेश

उत्तराखंड में सभी सेतुओं का सेफ्टी ऑडिट किया जायेगा, इससे सम्बन्धित शासनादेश प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आर.के.सुधांशु द्वारा जारी किया गया है. इस सम्बन्ध में पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये थे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 3, 2022, 05:07 PM IST
  • मोरबी हादसे के बाद ये राज्य सरकार हुई अलर्ट
  • जारी किया सभी पुलों के सेफ्टी ऑडिट का आदेश
मोरबी हादसे के बाद ये राज्य सरकार हुई अलर्ट, जारी किया सभी पुलों के सेफ्टी ऑडिट का आदेश

नई दिल्ली: गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक पुल हादसे के बाद अब कई सारी राज्य सरकारें पुलों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट मोड में आती दिख रही हैं. उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी पुलों के सेफ्टी ऑडिट का आदेश जारी किया है. जिसके तहत उत्तारखंड के सभी पुलों की सुरक्षा का मुआयना किया जाएगा. 

CM ने दिया निर्देश

प्रदेश में सभी सेतुओं का सेफ्टी ऑडिट किया जायेगा, इससे सम्बन्धित शासनादेश प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आर.के.सुधांशु द्वारा जारी किया गया है. इस सम्बन्ध में पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये थे. प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में सेतुओं का उचित अनुरक्षण न होने, मानकानुसार प्रीओडिकॉली सेफ्टी ऑडिट की निर्धारित समय में व्यवस्था न होने, भार क्षमता से अधिक यातायात संचालन होने, सेतुओं के समीप साईनेजेज न होने तथा सेतुओं के निर्माण की अत्यधिक समयावधि  होने से देश एवं प्रदेश के कई महत्वपूर्ण सेतु दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, जिसमें जान-माल के नुकसान के साथ-साथ आवागमन बाधित हो रहा है. 

3 सप्ताह में सूचना देने का निर्देश

प्रमुख सचिव ने प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये है कि मुख्यमंत्री के निदेर्शानुसार इस सम्बन्ध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये प्रदेश में अवस्थित सेतुओं से सम्बन्धित अद्यतन सूचना प्रत्येक दशा में 03 सप्ताह के अन्दर शासन में उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सेतुओं के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा सम्बन्धित जनपद के जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर ऐसे सेतु जिनको निर्मित हुये कई वर्ष हो चुके हैं, उनमें भार क्षमता के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जाय. 

दुर्घटना की स्थिति में इनको माना जाएगा जिम्मेदार

दिए गए निर्देश के मुताबिक प्रत्येक सेतु का सेफ्टी ऑडिट करते हुये आवश्यकतानुसार अनुरक्षण आदि का प्रस्ताव तत्काल शासन को उपलब्ध कराया जाय सेतुओं के समीप साईनेजेज की उचित व्यवस्था की जाय किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे. 

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