नई दिल्लीः The Rise and Fall of Byju's: आर्थिक संकट से जूझ रही बायजू के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने पर जोर दिया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह देश छोड़कर न जा सकें. यह घटनाक्रम शुक्रवार को होने वाली निवेशकों की बैठक से एक दिन पहले हुआ है, जहां यह बताया गया था कि कुछ निवेशक रवींद्रन को उनके पद से हटाना चाह रहे थे.
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया, ईडी ने आप्रवासन ब्यूरो से बायजू रवींद्रन के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने को कहा है. इसका उद्देश्य रवींद्रन को देश छोड़ने से रोकना है.
कोर्ट ने कोई प्रस्ताव लागू करने से रोका
इससे पहले बुधवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया था जिसमें बायजू के शेयरधारकों से अंतिम सुनवाई तक एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (ईजीएम) के दौरान कोई भी प्रस्ताव लागू नहीं करने को कहा गया था. यह आदेश बायजू की ओर से दायर एक याचिका पर था जिसमें अदालत से शेयरधारकों को ईजीएम आयोजित करने से रोकने की मांग की गई थी.
हालांकि अदालत ने ईजीएम पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन अंतिम सुनवाई तक किसी भी प्रस्ताव को स्थगित रखा है. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को करेगी.
बायजू पर विदेशी मुद्रा उल्लंघन का आरोप
बायजू को जिन मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है उनमें विदेशी मुद्रा उल्लंघन का आरोप है. संभवतः इसी वजह से ईडी को रवींद्रन के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर पर जोर देने के लिए प्रेरित किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने नवंबर 2023 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 9362.35 करोड़ रुपये के उल्लंघन के लिए बायजू को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
ईडी ने कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को प्राप्त विदेशी निवेश और कंपनी के व्यावसायिक आचरण के संबंध में विभिन्न शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की थी.
इससे पहले बायजू का 20 करोड़ डॉलर का राइट्स इश्यू पूरी तरह सब्सक्राइब हुआ था. दिलचस्प है कि राइट इश्यू ने अपनी पीक वैल्यूएशन से लगभग 99 प्रतिशत कम भाव पर जारी किया गया था. बता दें कि कंपनी का वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर था यानी लगभग 1.80 लाख करोड़ रुपये इसका वैल्यूएशन था.
कैसे चर्चा में आई थी कंपनी
साल 2011 में बायजूज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न की शुरुआत हुई थी. इसके बाद 2015 में बायजू का ऐप आया. कंपनी का धीरे-धीरे प्रसार कर रही थी, लेकिन इसे पंख लगे कोविड के समय. तब लॉकडाउन की वजह से बायजू का नाम लोगों की जुबां पर चढ़ गया. कंपनी सफलता के शिखर पर सवार कई अधिग्रहण करने लगी. उसने अगस्त 2020 में व्हाइट हैट जूनियर, 2021 में टॉपर, ग्रेड लर्निंग और एपिक का अधिग्रहण किया. कंपनी ने कोचिंग कंपनी आकाश को भी खरीदा. विदेशी निवेशकों का विश्वास जीतकर कंपनी ने कई बड़ी डील अपने नाम कीं.
यही नहीं बायजू ने भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सरशिप हासिल की. फीफा वर्ल्ड कप की को-स्पॉन्सरशिप भी ली. स्टार फुटबॉलर लियोनल मेसी को भी अपना ब्रांड एंबेसडर बना दिया.
क्यों संकट में घिरी बायजू
समस्या तब पैदा हुई तब ढेर सारे अधिग्रहण कंपनी को मुनाफा नहीं दे पाए. कंपनी का घाटा बढ़ता गया और वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्तीफा देना शुरू किया. कंपनी को वित्त वर्ष 2021 में 4564 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था जो वित्त वर्ष 2022 में 8245 करोड़ रुपये पहुंच गया.
निवेशकों ने बनाया दबाव
कंपनी ने छंटनी का सहारा लिया लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा. कोरोना खत्म होने से भी लोगों का फोकस ऑनलाइन एजुकेशन की जगह स्कूल और कोचिंग सेंटरों की तरफ गया. वहीं घाटा हुआ तो कंपनी के निवेशकों ने भी दबाव बनाया. हालात इतने बिगड़े कंपनी ने जो 1 अरब 20 करोड़ डॉलर का अमेरिकी कर्ज लिया था उसका मामला कोर्ट में चला गया.
रवींद्रन ने पत्र लिखकर जताई कृतज्ञता
आज बायजू पूरी तरह से संकट से घिरी हुई है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि निवेशक सीईओ बायजू रवींद्रन को हटाना चाहते हैं. वहीं अब ईडी की ओर से लुक आउट नोटिस जारी करने पर जोर देने की जानकारी भी सामने आ रही है. वहीं कंपनी का वैल्युएशन भी 99 फीसदी तक घट गया है. हालांकि कंपनी का राइट्स इश्यू पूरी तरह सब्सक्राइब होने पर रवींद्र ने एक पत्र लिखकर शेयरधारकों के प्रति कृतज्ञता जताई.
उन्होंने लिखा, हमने इस कंपनी को एक साथ बनाया है, और मैं चाहता हूं कि हम सभी नए मिशन में हिस्सा लें. आपके शुरुआती निवेश ने हमारी यात्रा की नींव रकी है. यह राइट्स इश्यू सभी शेयरधारकों के लिए अधिक वैल्यू को सुरक्षित बनाने में सहायता करेगा.
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