नई दिल्लीः Rahul Gandhi, Supreme Court, Modi Surname Case: सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है. मानहानि केस में उनकी सजा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी.
Supreme Court in an interim order stays the conviction of Congress leader Rahul Gandhi in the criminal defamation case over 'Modi surname' remark pic.twitter.com/BOPuCmYhXz
— ANI (@ANI) August 4, 2023
एएनआई के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है. जैसा कि इस अदालत ने अवमानना याचिका में उनके हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा, उन्हें (राहुल गांधी) अधिक सावधान रहना चाहिए था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब तक इस मामले में राहुल गांधी की अपील लंबित है तब तक उनकी सजा पर रोक रहेगी.
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वकील ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम मोदी नहीं है, क्योंकि वह मोढ़ वणिक समाज से आते हैं. पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया हुआ है.
राहुल कोई कुख्यात अपराधी नहींः सिंघवी
राहुल गांधी ने सभा में मोदी उपनाम को लेकर टिप्पणी की थी. कांग्रेस नेता की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ से कहा कि उनका मुवक्किल कोई कुख्यात अपराधी नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं की ओर से उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए जाने के बावजूद उन्हें किसी भी मामले में कोई सजा नहीं हुई है.
'सिर्फ एक लाइन को लेकर केस दर्ज हुआ'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि तीन पेज की स्पीच में सिर्फ एक लाइन है जिसको लेकर केस दर्ज हुआ है. उन्होंने कहा कि जिनका नाम राहुल गांधी ने भाषण में लिया उनमें से किसी ने उन पर केस नहीं किया. जिन पूर्णेश मोदी ने किया उनका नाम भाषण में नहीं था. मोदी सरनेम रखने वालों की खुद में कोई आइडेंटिफाइड वर्ग नहीं है.
शीर्ष अदालत गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही है. उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी थी.
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