नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को दो चुनाव आयुक्तों पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया और आयुक्तों के चयन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चयन प्रक्रिया के बारे में पूछताछ की.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा, 'आप यह नहीं कह सकते कि चुनाव आयोग कार्यपालिका के अधीन है. इस स्तर पर हम कानून पर रोक नहीं लगा सकते हैं और इससे केवल अराजकता और अनिश्चितता पैदा होगी.'
SC ने पूछा- आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों की गई?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस चरण पर आकर नियुक्ति पर रोक लगाने से न सिर्फ लोकसभा चुनाव पर असर होगा बल्कि अराजकता पैदा होगी. हालांकि कोर्ट ने केंद्र सरकार से नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर भी सवाल पूछा. कोर्ट ने कहा कि आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों की गई?
नियुक्ति प्रक्रिया के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाना चाहिए था
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को अपनाने में थोड़ा और वक्त दिया जाना चाहिए था ताकि यह अच्छी तरह से पूरी होती. हालांकि कोर्ट ने हाल ही में की गई नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि हम आम तौर पर अंतरिम आदेश के जरिए किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं.
छह सप्ताह में केंद्र को जवाब दाखिल करने का निर्देश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर बाद में विस्तृत आदेश पारित करेगा. कोर्ट ने कहा कि वह चुनाव आयुक्तों की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहा है लेकिन चयन प्रक्रिया पर प्रश्न खड़े कर रहा है. कोर्ट ने केंद्र से 6 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.
कोर्ट ने इस पर भी सवाल पूछा कि चयन समिति की बैठक को 15 मार्च से बदलकर 14 मार्च कर दिया गया. वहीं विपक्ष के नेता को बैठक से कुछ ही देर पहले नाम दिए गए.
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