शहडोल: मध्यप्रदेश में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो दिल को झकझोर देने वाली है. यह तस्वीर आई है शहडोल जिले से, यहां एक महिला की मौत हुई और उसके परिजनों को शव वाहन नहीं मिला तो बेटा मोटर साइकिल के पीछे शव को बांधकर 80 किलोमीटर दूर अपने गांव ले गया.
परिजनों के पास नहीं थी शव वाहन के लिए रकम
बताया गया है कि शहडोल के करीबी जिले अनूपपुर के गोंडारु गांव की रहने वाली जय मंत्री यादव को सीने में दर्द हुआ तो उसके परिजन शहडोल लेकर आए, जिला अस्पताल में उसका इलाज चला. मगर वहां उसकी हालत बिगड़ी, तो शनिवार को मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया. उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई, मौत के बाद मेडिकल कॉलेज में शव वाहन नहीं मिला और प्राइवेट वाहन वाले ने जितनी रकम मांगी उतनी उसके परिजनों के पास नहीं थी, तो लाचार बेटा अपनी मां के शव को मोटर साइकिल पर बांधकर 80 किलोमीटर दूर अपने गांव ले गया.
जब बेटे को मां के शव को ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिला, तो उसने लकड़ी के पटिया का इंतजाम किया और उसके सहारे शव को बांधा और चल दिया अपने गांव.
अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में
अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोग कह रहे हैं कि मेडिकल कॉलेज में न तो शव वाहन है और न ही एंबुलेंस. इस वीडियो को साझा करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने लिखा है, "यह है मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के 18 वर्ष के विकास की शर्मनाक तस्वीर. यह है प्रदेश का स्वास्थ्य सिस्टम. शहडोल में एक महिला की मौत के बाद शव वाहन न मिलने पर, बेटा मां के शव को 80 किमी दूर पटिये पर बांधकर बाइक से लेकर गया."
ज्ञात हो कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की गाहे बगाहे पोल खुलती रहती है, पिछले दिनों सागर में 40 बच्चों को एक ही सिरिंज से कोरोना वैक्सीन लगा दी गई. अब यह नई तस्वीर आई है जो स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बयां कर रही है.
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