नई दिल्लीः WFI के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी कहे जाने वाले संजय कुमार सिंह के WFI करे नवनिर्वाचित अध्यक्ष बनने के बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान कर दिया. इस पर उनका कहना था कि हमारी लड़ाई बृजभूषण सिंह और फेडरेशन से उसका कब्जा खत्म करने के खिलाफ था, लेकिन जब फेडरेशन का अध्यक्ष उनका करीबी ही बना तो मैं अपनी कुश्ती से संन्यास का ऐलान करती हूं.
बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटाने का किया फैसला
साक्षी मलिक के इस फैसले के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने शुक्रवार 22 दिसंबर को अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया. इस फैसले के बाद बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक दोनों ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की. इस दौरान इन लोगों के बीच काफी बातचीत भी हुई और प्रियंका गांधी की ओर से पहलवानों की लड़ाई में उन्हें हर तरह से समर्थन मिलने का आश्वासन भी दिया गया. इसी के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या साक्षी मलिक की कांग्रेस में एंट्री होने वाली है? क्या साक्षी कांग्रेस की टिकट पर हरियाणा से चुनाव लड़ेंगी?
'फिलहाल चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं'
जब यह सवाल साक्षी मलिक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका इरादा कुछ ऐसा नहीं है. साक्षी का कहना है कि अभी अभी उन्होंने रेसलिंग छोड़ी है. लिहाजा वे बहुत दुख में हैं. इससे बाहर निकलने में अभी उन्हें कुछ समय लगेंगे. भविष्य में वे क्या करेंगी या उन्हें क्या करना पड़ जाएगा, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. हालांकि, साक्षी ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल उनका इरादा चुनाव लड़ने का नहीं है.
'बृजभूषण सिंह का राइट हैंड बना WFI का अध्यक्ष'
साक्षी मलिक ने कहा, 'हमारी लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह से थी. हम चाहते थे कि बृजभूषण सिंह का कब्जा फेडरेशन से खत्म हो जाए. इस मुद्दे पर हमारी सरकार से बातचीत भी हुई थी. उस दौरान हमने प्रस्ताव रखा था कि किसी महिला को फेडरेशन का अध्यक्ष बनाया जाए. तब सरकार ने हमारी मांगों को स्वीकार करने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन अब नतीजा सबके सामने है. एक बार फिर बृजभूषण सिंह का राइट हैंड और बिजनेस पार्टनर फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया है.'
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.