नई दिल्ली: Kota Suicide Data: कोचिंग हब कहे जाने वाला कोटा 'सुसाइड हब' बनता जा रहा है. कोटा के बोरखेड़ा में एक छात्रा ने JEE की परीक्षा से दो दिन पहले सुसाइड कर लिया है. छात्रा ने सुसाइड लेटर में लिखा कि मम्मी-पापा मैं JEE नहीं कर सकती. इसलिए मैंने खुदकुशी कर ली है. मैं लूजर हूं. मैं खराब बेटी हूं. सॉरी मम्मी-पापा. यही मेरे पास आखिरी ऑप्शन है. यह कोटा में सुसाइड का इस साल का दूसरा मामला है. 2015 से लेकर अब तक कोटा में 126 छात्र सुसाइड कर चुके हैं.
कौनसे साल में कितने सुसाइड?
कोटा में बीते 8 साल में 126 सुसाइड हुए हैं. अब तक सबसे अधिक बीते साल 2023 में 29 छात्रों ने सुसाइड किए हैं. इस साल को शुरू हुए पहला ही महीना है. लेकिन इसी महीने में दो छात्रों से सुसाइड कर लिया है. आइए, जानते हैं कि किस साल कोटा में कितने सुसाइड के मामले सामने आए.
2015- 18
2016- 17
2017- 07
2018- 20
2019- 18
2022- 15
2023- 29
2024- 02 (यह साल अभी जारी है)
16 साल के कम उम्र के बच्चे नहीं ले सकेंगे दाखिला
शिक्षा मंत्रालय ने एक हफ्ते पहले ही कोचिंग संस्थानों को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें कहा गया कि कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स को दाखिला नहीं दे सकते. साथ ही कहा गया कि संस्थान छात्रों को अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी के भ्रामक वादे नहीं कर सकेंगे. इस आदेश के बाद ऐसा माना जा रहा था कि कोटा में सुसाइड के मामलों में कमी आएगी.
SC ने कही थी ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई करते स्टूडेंट्स के माता-पिता को सुसाइड का जिम्मेदार बताया. कोर्ट ने कहा कि कोटा में बच्चों की आत्महत्या के लिए पैरेंट्स ही जिम्मेदार हैं. पैरेंट्स बच्चों से उनकी क्षमता से अधिक उम्मीद लगाते हैं, इससे बच्चे दबाव में आ जाते हैं और खुदकुशी जैसा कदम उठा लेते हैं.
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