नई दिल्लीः Pulwama Attack Anniversary: श्रीनगर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की आज (14 फरवरी 2024) पांचवीं बरसी है. आज से पांच साल पहले 14 फरवरी 2019 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले को 350 किलो आरडीएक्स के साथ आतंकियों ने निशाना बनाया था. इस हमले में CRPF के 40 जवानों की शहादत हुई थी. वहीं, 35 से ज्यादा जवान घायल हो गए थे. हमले के करीब डेढ़ साल बाद NIA ने 25 अगस्त 2020 को 13 हजार 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके सरगना मसूद अजहर को मास्टरमाइंड बताया था.
PM मोदी और राहुल ने दी श्रद्धांजलि
पुलवामा की पांचवीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'मैं पुलवामा हमले में शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और बलिदान को हमेशा-हमेशा याद रखा जाएगा.' वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, 'पुलवामा आतंकी हमले के वीर शहीदों को शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि. भारत की रक्षा को समर्पित उनके इस सर्वोच्च बलिदान के लिए, देश सदा ऋणी रहेगा.'
जम्मू में हो रही थी भीषण बर्फबारी
जिक्र जब भी पुलवामा हमले का होता है, पूरे देश की आंखे नम हो जाती है. भारतीय इतिहास के उस काले दिन को याद करते हुए सबका दिल पसीज जाता है. 10 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में भीषण बर्फबारी हो रही थी. लिहाजा श्रीनगर हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. इस दौरान जम्मू कैंप में 2500 से ज्यादा जवान ठहरे हुए थे. उन्हें यहां से कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाना था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से यह तुरंत संभव नहीं हो पाया.
78 बसों के जरिए ले जाए जा रहे थे जवान
बहरहाल, 14 फरवरी तक मौसम कुछ हद तक ठीक हुआ और सुबह 3 बजे 2500 जवानों को 78 बसों के माध्यम से जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना किया गया. यह काफिला दोपहर में जम्मू-कश्मीर के काजीगुंड जगह पर पहुंचा. यहां दो बसों के खराब होने की वजह से उनमें मौजूद 23 जवानों को बाकी बसों में शिफ्ट किया गया. इसके बाद यह काफिला आगे की ओर बढ़ा. CRPF का यह काफिला अभी श्रीनगर से 150 किलोमीटर दूर पुलवामा पहुंचा था.
350 किलो विस्फोटक के साथ घुसा था आतंकी आदिल डार
इसी दौरान सेना के काफिले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने 350 किलो विस्फोटक से भरी कार के साथ एंट्री ली और दो बसों को अपना निशाना बनाया. यह धमाका इतना भयानक था कि एक बसे के पूरे परखच्चे उड़ गए. वहीं, इसकी आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी. फ्रंटलाइन के एक रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा बलों को 2 जनवरी 2019 से 13 फरवरी 2019 के बीच यानी इन 45 दिनों में भारत में भीषण आतंकी हमले के 11 इंटेलिजेंस इनपुट मिले थे.
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