2025 तक यमुना में साफ पानी का वादा, पर बीते 5 सालों में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही नदी

Pollution in Yamuna: दिल्ली सरकार ने भले ही 2025 तक यमुना नदी के पानी को नहाने लायक साफ करने का वादा किया हो लेकिन पर्यावरण विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में नदी में प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 23, 2022, 07:57 PM IST
  • पर्यावरण विभाग की ओर से नहीं मिली कोई प्रतिक्रिया
  • 2017 से 2022 में यमुना में तेजी से बढ़ा प्रदूषण
2025 तक यमुना में साफ पानी का वादा, पर बीते 5 सालों में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही नदी

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने भले ही 2025 तक यमुना नदी के पानी को नहाने लायक साफ करने का वादा किया हो लेकिन पर्यावरण विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में नदी में प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, पल्ला को छोड़कर, राष्ट्रीय राजधानी में प्रत्येक स्थान पर परीक्षण के लिए एकत्र पानी के नमूने में ‘जैविक ऑक्सीजन मांग’ (बीओडी) का सालाना औसत स्तर बढ़ गया है. 

पर्यावरण विभाग की ओर से नहीं मिली कोई प्रतिक्रिया

बीओडी पानी की गुणवत्ता मापने के लिए एक महत्वपूर्ण मानक है. यह किसी जलाशय में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को विघटित करने के लिए सूक्ष्मजीवों द्वारा आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा है. अगर बीओडी का स्तर 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम हो, तो उसे अच्छा स्तर माना जाता है. पर्यावरण विभाग की ओर से इस संबंध में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति पल्ला, वजीराबाद, आईएसबीटी पुल, आईटीओ पुल, निजामुद्दीन पुल, ओखला बैराज और असगरपुर में यमुना नदी के पानी के नमूने एकत्र करती है. यमुना नदी पल्ला में ही दिल्ली में प्रवेश करती है. 

2017 से 2022 में यमुना में तेजी से बढ़ा प्रदूषण

समिति के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच साल के दौरान (2017 से 2022) पल्ला में वार्षिक औसत बीओडी स्तर में खास परिवर्तन नहीं हुआ है, लेकिन यह वजीराबाद में करीब 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर करीब 9 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है. इस दौरान आईएसबीटी पुल पर बीओडी स्तर लगभग 30 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर 50 मिलीग्राम प्रति लीटर और आईटीओ पुल पर 22 मिलीग्राम प्रति लीटर से 55 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है. 

निजामुद्दीन पुल पर बीओडी स्तर 23 मिलीग्राम प्रति लीटर से करीब 60 मिलीग्राम प्रति लीटर, ओखला में 26 मिलीग्राम प्रति लीटर से 69 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गया है. यदि बीओडी 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है और घुलित ऑक्सीजन (डीओ) की मात्रा 5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है तो यमुना नदी के पानी को स्नान के लिए ठीक माना जा सकता है. 

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