नई दिल्लीः मध्यप्रदेश में महंगाई और अन्य कठिनाईयों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में परिवर्तन की व्यापक लहर है, और कांग्रेस की सरकार बनने पर लोगों को पांच गारंटी मिलेगी. प्रियंका ने पार्टी के सत्ता में आने पर मध्यप्रदेश के लोगों के लिए कांग्रेस की पांच गारंटी दोहराई.
40 दिनों में प्रियंका का दूसरा दौरा
पिछले 40 दिनों में प्रदेश का उनका यह दूसरा दौरा है. यहां पहुंचने पर कांग्रेस नेता ने महान स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक पर जा कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर में 'जन आक्रोश' रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुये कहा कि हाल में उन्होंने वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को ‘चोर’ बताकर उनका अपमान किया है.
मणिपुर की घटना का जिक्र किया
उन्होंने कहा, मणिपुर में भयानक अत्याचार हुआ. हमारे प्रधानमंत्री ने 77 दिन तक कोई बयान नहीं दिया, एक लफ्ज नहीं कहा. एक भयानक वीडियो जारी होने के बाद कल मजबूरी में एक वाक्य बोला. इसमें भी राजनीति घोल दी और उन प्रदेशों का नाम लिया जहां विपक्ष की सरकार है. कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में दो कारोबारी मुनाफा कमा रहे हैं. उनमें से एक प्रतिदिन 1600 करोड़ रुपये कमा रहा है जबकि एक किसान एक दिन में 27 रुपए भी नहीं कमा पा रहा है.
पेंशन योजना की बात दोहराई
प्रियंका ने टमाटर की कीमतों सहित महंगाई को लेकर भी सरकार की आलोचना की. उन्होंने कांग्रेस की पांच गारंटी दोहराते हुए कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में सत्ता में आती है तो कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाएगी, महिलाओं को 1500 रुपये आर्थिक सहायता, पांच सौ रुपये में रसोई गैस सिलेंडर, 100 यूनिट मुफ्त बिजली तथा किसानों के लिए ऋण माफी योजना फिर से शुरू करने की बात कही.
इससे पहले प्रियंका ने 12 जून को जबलपुर में एक रैली को संबोधित कर प्रदेश में अपनी पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. उन्होंने जबलपुर में कहा था कि अगर कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में आती है तो वह पांच गारंटी लागू करेगी. उन्होंने राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार पर भ्रष्टाचार में डूबे रहने और नौकरियां देने में विफल रहने का आरोप लगाया था और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिंधिया पर भी कटाक्ष किया था.
मध्यप्रदेश में सिंधिया के वफादार विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी और बाद में वे मार्च 2020 में वे भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके कारण 15 महीने में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी और चौहान के सत्ता में लौटने का मार्ग प्रशस्त हुआ था.
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