Karnataka Election: इस साल 8वीं बार कर्नाटक पहुंचे पीएम मोदी, जंगल सफारी का लुत्फ उठाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में रविवार सुबह जंगल ‘सफारी’ का लुफ्त उठाया. वह ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के सिलसिले में चामराजनगर पहुंचे हैं.

Written by - Akash Singh | Last Updated : Apr 9, 2023, 03:39 PM IST
  • जानिए क्या बोले पीएम मोदी
  • सफारी में काम करने वाले लोगों से की बात
Karnataka Election: इस साल 8वीं बार कर्नाटक पहुंचे पीएम मोदी, जंगल सफारी का लुत्फ उठाया

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में रविवार सुबह जंगल ‘सफारी’ का लुफ्त उठाया. वह ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के सिलसिले में चामराजनगर पहुंचे हैं. जंगल सफारी के दौरान मोदी ने धारीदार ‘सफारी’ वस्त्र और हैट धारण कर रखा था. बताया जाता है कि उन्होंने बाघ अभयारण्य में सफारी के दौरान करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय की. 

मोदी ने किया ये ट्वीट
बांदीपुर बाघ अभयारण्य आंशिक रूप से चामराजनगर जिले के गुंदलुपेट तालुका में और आंशिक रूप से मैसूरु जिले के एचडी कोटे और नंजनगुड तालुका में स्थित है. मोदी ने ट्वीट किया, “सुबह सुंदर बांदीपुर बाघ अभयारण्य में बिताई और भारत के वन्य जीवन, प्राकृतिक सुंदरता और विविधता की झलक देखी.” मेलुकमनहल्ली हेलीपैड पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से बांदीपुर में वन विभाग के स्वागत केंद्र तक गए, जहां उन्होंने पास के एक वन शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अपर्ति की और फिर वन विभाग की जीप से सफारी के लिए रवाना हो गए.

साझा की मोदी ने तस्वीर
मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सफारी की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें उन्हें खुली जीप में खड़ा देखा जा सकता है और उनके पास कैमरा और दूरबीन है. उन्होंने हाथियों, लंगूरों, हिरण और बाइसन की तस्वीरें भी साझा कीं. राज्य के वन विभाग के मुताबिक, 19 फरवरी 1941 को एक सरकारी अधिसूचना के तहत स्थापित तत्कालीन वेणुगोपाल वन्यजीव उद्यान के वन क्षेत्र के अधिकांश हिस्से को लेकर एक राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था. 

विभाग के अनुसार, 1985 में इस राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार किया गया, जिससे इसका क्षेत्र फल बढ़कर 874 वर्ग किलोमीटर हो गया और इसका नाम बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया. 1973 में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत लाया गया. इसके बाद, कुछ निकटवर्ती आरक्षित वन क्षेत्रों को अभयारण्य में मिलाया गया. मौजूदा समय में बांदीपुरा बाघ अभयारण्य 912.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है.

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान नीलगिरि जीवमंडल रिजर्व का एक अहम हिस्सा है. इसके उत्तर-पश्चिम में कर्नाटक का राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान (नागराहोल) है, जबकि दक्षिण में तमिलनाडु का मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य तो दक्षिण-पश्चिम में केरल का वायनाड वन्यजीव अभयारण्य है. यह अभयारण्य कभी भूतपूर्व महाराज की निजी शिकारागाह होता था.

पर्यटन विभाग के मुताबिक, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान लुप्तप्राय एशियाई जंगली हाथियों के अंतिम आश्रय स्थलों में से भी एक है. दो प्रसिद्ध निवासियों (बाघ और हाथी) के अलावा, इस राष्ट्रीय उद्यान में कई अन्य लुप्तप्राय प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें भालू, गौर, भारतीय रॉक पाइथन, सियार, मगरमच्छ और चार सींग वाले मृग शामिल हैं. 

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