दलित-आदिवासियों का बड़े पदों पर बैठना बर्दाश्त नहीं कर पाती परिवारवादी पार्टियां: वाराणसी में बोले पीएम मोदी

  वाराणसी के दौरे पर गए पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवादी पार्टियां दलित आदिवासियों को आगे बढ़ने नहीं देना चाहती और दलित आदिवासियों का बड़े पदों पर बैठना इन्‍हें बर्दाश्त नहीं होता.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 23, 2024, 02:31 PM IST
दलित-आदिवासियों का बड़े पदों पर बैठना बर्दाश्त नहीं कर पाती परिवारवादी पार्टियां: वाराणसी में बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली:  वाराणसी के दौरे पर गए पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवादी पार्टियां दलित आदिवासियों को आगे बढ़ने नहीं देना चाहती और दलित आदिवासियों का बड़े पदों पर बैठना इन्‍हें बर्दाश्त नहीं होता. मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को यहां सीरगोवर्धन में संत रविदास की 647वीं जयंती पर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही.

जात-पात में उलझें रहते हैं लोग...
उन्होंने संत रविदास का एक दोहा सुनाया और उसकी व्याख्या करते हुए कहा, ”ज्यादातर लोग जात-पात के फेर में उलझे रहते हैं, उलझाते रहते हैं, जात-पात का यही रोग मानवता का नुकसान करता है.” उन्‍होंने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि परिवारवादी पार्टियों की एक और पहचान यह है कि वे अपने परिवार से बाहर किसी भी दलित आदिवासी को आगे बढ़ने नहीं देना चाहतीं और दलित आदिवासियों का बड़े पदों पर बैठना इन्‍हें बर्दाश्त नहीं होता.

विपक्षी पार्टी पर साधा निशाना
इस दौरान राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चुनाव की याद दिलाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘‘आपको याद होगा जब वह राष्‍ट्रपति पद की उम्‍मीदवार बनीं तो किन- किन लोगों ने उनका विरोध किया था, किन किन लोगों ने सियासी लामबंदी की। ये सबकी सब परिवारवादी पार्टियां थी, जिन्‍हें चुनाव के समय दलित, आदिवासी अपना वोट बैंक नजर आने लगता है. हमें इन लोगों से इस तरह की सोच से सावधान रहना है."

दरअसल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 16 फरवरी को ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ के दौरान चंदौली में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि राम मंदिर के उत्सव में प्रधानमंत्री मोदी, अंबानी, अडाणी और अन्य अरबपतियों के लिए लाल कालीन बिछा था, लेकिन वहां देश की आदिवासी राष्‍ट्रपति, गरीबों, दलितों, बेरोजगार युवाओं और किसानों के लिए जगह नहीं थी.

मोदी ने संत रविदास की शिक्षा का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘जात, पात के नाम पर जब कोई किसी के साथ भेदभाव करता है, तो वो मानवता का नुकसान करता है. अगर कोई किसी को जात पात के नाम पर भड़काता है तो वह भी मानवता का नुकसान करता है.”

उन्‍होंने दलितों-पिछड़ों को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’(इंडिया) के प्रति भी आगाह किया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए आज देश के हर दलित को, हर पिछड़े को एक और बात ध्यान रखनी है कि हमारे देश में जाति के नाम पर उकसाने और उन्‍हें लड़ाने में भरोसा रखने वाले ‘इंडी गठबंधन’ के लोग दलित, वंचित के हित की योजनाओं का विरोध करते हैं. और सच्चाई यह है कि ये लोग जाति की भलाई के नाम पर अपने परिवार के स्वार्थ की राजनीति करते हैं.”

मोदी ने विपक्षी दलों पर गरीबों के लिए शौचालय, जनधन खातों और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का विरोध करने और उपहास उड़ाने का आरोप लगाते हुए परिवारवादी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा कि आप सब रविदास जी की जयंती के पर्व पर दूर दूर से यहां आते हैं, खासकर पंजाब से इतने भाई-बहन आते कि बनारस ‘मिनी पंजाब’ जैसा लगने लगता और यह सब संत रविदास की कृपा से ही संभव है.

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