Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो और आयात शुल्क बढ़े, RSS नेताओं ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की डिमांड

Old Pension Scheme Update: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के साथ 21-29 नवंबर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की. ज्यादातर बैठकें ऑनलाइन हुईं. भारतीय मजदूर संघ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग की.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 3, 2022, 12:33 PM IST
  • पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है
  • कांग्रेस ने इसे हिमाचल प्रदेश चुनाव में उठाया, गुजरात में भी उठा रही है
Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो और आयात शुल्क बढ़े, RSS नेताओं ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की डिमांड

नई दिल्ली: देश के अगले आम बजट को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार विभिन्न संगठनों, उद्योग चैंबर्स, आर्थिक विशेषज्ञों और महत्वपूर्ण संगठनों के साथ चर्चा कर रही हैं. वित्त मंत्री उनसे सुझाव भी ले रही हैं. इसी मुहिम के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के साथ 21-29 नवंबर के बीच बैठक कर उनके सुझाव भी लिए. ज्यादातर बैठकें ऑनलाइन हुईं. इन बैठकों में बजट की रूपरेखा, सरकार के आर्थिक एजेंडे, किसान और मजदूरों के हितों को लेकर आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों ने वित्त मंत्री को कई सुझाव दिए.

भारतीय मजदूर संघ की बड़ी डिमांड
आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ- बीएमएस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग की. वहीं भारतीय किसान संघ-बीकेएस ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि को बढ़ाने की मांग की और मुद्रास्फीति के साथ जोड़ने की मांग की. स्वदेशी जागरण मंच - एसजेएम ने चीन के साथ लगातार बढ़ रहे व्यापार घाटे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री को आयात होने वाले सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात की.

पुरानी पेंशन व्यवस्था बड़ा मुद्दा
दरअसल, पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. कांग्रेस ने इसे हिमाचल प्रदेश चुनाव में जोर-शोर से उठाया, गुजरात चुनाव में भी उठा रही है और 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में भी इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है. इसलिए संघ से जुड़े संगठन की यह सलाह राजनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. 2023 के बजट सत्र में वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण जो बजट पेश करेंगी वो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा, इसलिए संघ से जुड़े संगठनों ने सरकार को लोकलुभावन, मजदूर-किसान, संगठित एवं असंगठित और भारतीय उद्योगों के हित वाला बजट बनाने का सुझाव दिया है. 

क्या कहते हैं रवींद्र हिमते और अन्य एक्सपर्ट
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रवींद्र हिमते ने बताया कि निर्मला सीतारमण के साथ बैठक के दौरान बीएमएस ने उनसे पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने, न्यूनतम पेंशन की राशि को 1 हजार से बढ़ाकर 5 हजार करने एवं इसे वीडीए के साथ लिंक करने, पेंशनर्स को आयुष्मान भारत योजना के साथ जोड़ कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने, श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना को मजबूत करने का सुझाव दिया है. 

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ अश्विनी महाजन ने कहा कि वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान मंच ने चीन के साथ बढ़ रहे व्यापार घाटे के 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के हालात पर चिंता जताते हुए उन्हें आयात शुल्क बढ़ाने का सुझाव दिया. सरकार के आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी परियोजना की तारीफ करते हुए मंच ने सीतारमण को ग्रामीण भारत में खेती से इतर आर्थिक गतिविधियों और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने का भी सुझाव दिया. 

भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि बीकेएस ने केंद्रीय वित्त मंत्री को कृषि के सारे इनपुट्स को जीएसटी फ्री करने, खेती की बढ़ी लागत के अनुपात में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि को बढ़ाने, खाद सब्सिडी समेत तमाम सब्सिडी या आर्थिक सहायता किसानों को डीबीटी के जरिए देने, सिंचाई एवं नदी जोड़ों प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा फंड देने का सुझाव दिया है. 

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