नई दिल्लीः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के इस्तीफे को खारिज कर दिया और उनसे अपने पद पर बने रहने का अनुरोध किया. मंगलवार को पद छोड़ने की नाटकीय घोषणा के बाद पवार की ओर से अपने उत्तराधिकारी का नाम तय करने के लिए गठित विशेष पैनल की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
इस्तीफा किया गया खारिजः प्रफुल्ल पटेल
पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार को कहा कि एनसीपी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए गठित की गई एक समिति ने प्रस्ताव पारित किया. पटेल ने समिति की बैठक के बाद कहा, 'समिति ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है. यह प्रस्ताव पवार के पद छोड़ने के फैसले को खारिज करता है और उनसे पार्टी का अध्यक्ष बने रहने का आग्रह करता है.'
Pawar Saheb took the decision without informing us. Considering all the demands of the party workers and leader we took a meeting today and the committee has passed a proposal unanimously. The committee unanimously rejects this resignation and we request him to continue on his… pic.twitter.com/Z64Elxy5eW
— ANI (@ANI) May 5, 2023
राकांपा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा करने के बाद दो मई को पवार ने, पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए एक समिति का गठन किया था जिसमें उनके भतीजे अजीत पवार, पुत्री सुप्रिया सुले, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल शामिल थे.
'पार्टी और देश को पवार की जरूरत'
समिति के उपाध्यक्ष और संयोजक पटेल ने कहा, 'हम इस प्रस्ताव के साथ पवार साहब से मुलाकात करेंगे और उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करेंगे.' पटेल ने कहा कि पार्टी और देश को पवार जैसे नेता की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'पवार साहब देश के एक सम्मानित नेता हैं. पवार के फैसले के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया सामने आईं. भावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सका.'
पिछले दिनों पवार ने दिया था इस्तीफा
जब समिति की बैठक हो रही थी तब 'मैं साहेब के साथ हूं' संदेश वाली टोपी पहने राकांपा के कई कार्यकर्ताओं ने मांग की कि शरद पवार पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें. पवार ने मंगलवार को उस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था, जिसकी स्थापना उन्होंने 1999 में की थी .
उस समय उन्होंने अपना राजनीतिक रास्ता तय करने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी. एक कार्यक्रम में की गई घोषणा ने 24 साल पुरानी राकांपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्तब्ध कर दिया.
सार्वजनिक जीवन में रहने की कही थी बात
राज्यसभा सदस्य और विपक्ष के दिग्गज नेताओं में से एक, पवार ने तब कहा था कि वह राकांपा प्रमुख का पद छोड़ रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन से संन्यास नहीं ले रहे हैं. यह घोषणा उन अटकलों के बीच की गई कि पवार के भतीजे अजीत पवार और कुछ विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिला सकते हैं. हालांकि, पूर्व उपमुख्यमंत्री ने इस बात का खंडन करते हुए दावा किया था कि वह आजीवन राकांपा के साथ रहेंगे.
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