नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड केस में सोमवार 17 जून को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होंगे. इसके विरोध में कांग्रेस बड़े स्तर पर दिल्ली में प्रदर्शन करना चाहती थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है.
क्यों नहीं मिली प्रदर्शन की अनुमति
दिल्ली पुलिस ने रविवार को कांग्रेस पार्टी से कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दों सहित कुछ कारणों का हवाला देते हुए सोमवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय में उसकी प्रस्तावित मार्च की अनुमति नहीं दी जा सकती.
पुलिस उपायुक्त अमृता गुगुलोथ ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को लिखे पत्र में कहा, "दिल्ली में वर्तमान सांप्रदायिक स्थिति और नई दिल्ली जिले के अधिकार क्षेत्र में भारी कानून व्यवस्था/वीवीआईपी मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए रैली को नई दिल्ली जिले के अधिकार क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जा सकती." पुलिस ने यह भी नोट किया कि पूरे भारत में कांग्रेस समर्थकों को इस रैली में शामिल होने का आह्वान किया गया है. अनुमति से इनकार करते हुए पुलिस ने कांग्रेस से सहयोग करने का अनुरोध किया है.
हिरासत में लिए गए कांग्रेस कार्यकर्ता
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सोमवार को एआईसीसी मुख्यालय के बाहर से हिरासत में लिया गया, जहां वे पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय तक प्रस्तावित मार्च के लिए एकत्र हुए थे. एआईसीसी कार्यालय और राहुल गांधी के आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे.
क्या है ये मामला
नेशनल हेराल्ड का केस 2012 में सामने आया था. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है. इस केस में 19 दिसंबर 2015 को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी.
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