लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी को बड़ा झटका लगा है. नंदी को प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए 1 साल कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना न भर पाने की स्थिति में नंदी को 10 दिन और कारावास में बिताने होंगे.
इस मामले में योगी सरकार में मंत्री को सुनाई गई सजा
योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी को साल 2014 के एक मामले में सजा सुनाई गई है. यह मामला साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है, जब नंदी के खिलाफ प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाने में एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.
इस मामले में सुनवाई के दौरान, नंदी को उनके खिलाफ लगाई गई दो धाराओं 147 और 323 के तहत सजा सुनाई गई है. नंदी को आईपीसी की धारा 147 के तहत 1 साल की सजा और 5 हजार के जुर्माने का दंड दिया गया अहै, वहीं धारा 323 के तहत 6 महीने की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माने का दंड दिया गया है. चूंकि ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी, इसलिए नंदी को 1 साल का कारावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा.
योगी सराकर में मंत्री पर ये हैं आरोप
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नंदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. इस एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि नंदी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह की जनसभा पर हमला किया था. नंदी भी इसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे.
नंदी पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने समर्थकों को सपा नेता की जनसभा पर हमला करने के लिए उकसाया था. सपा नेता की एफआईआर के बाद नंदी ने भी क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई थी.
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