ग्वालियर. मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘लव जिहाद ’ को रोकने के लिए आने वाले नवरात्रि उत्सव के दौरान प्रदेश में गरबा नृत्य स्थलों पर प्रवेश की अनुमति पहचान पत्रों की जांच के बाद ही दी जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि देवी दुर्गा के नौ दिवसीय उत्सव के दौरान पारंपरिक गरबा नृत्य आयोजित किया जाता है, जो इस साल 26 सितंबर से शुरू हो रहा है.
पत्रकारों से बात करते हुए ठाकुर ने कहा कि ‘अब गरबा आयोजक सतर्क हैं, गरबा में आने वालों को पहचान पत्र लाना होगा. सभी के लिए यह एक सलाह है कि बिना पहचान पत्र के किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. गरबा ‘लव जिहाद’ का जरिया बन गया था.’
हिंदू दक्षिणपंथी संगठन कर चुके हैं दावा
गौरतलब है कि हिंदू दक्षिणपंथी नेताओं ने अतीत में दावा किया था कि देश में कथित ‘लव जिहाद’ की साजिश चल रही है, जिसमें हिंदू लड़कियों को अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुषों द्वारा बहकाया जाता है और शादी के लिए मजबूर किया जाता है. इससे पहले भी ठाकुर गरबा स्थलों पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग कर चुकी हैं.
विवादित बयानों से रहा है नाता
शिवराज सरकार में मंत्री उषा ठाकुर अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं. बीते मार्च महीने में उन्होंने कहा था कि एमपी में दुराचार के दोषियों को चौराहे पर फांसी दी जाए.
उषा ठाकुर ने कहा था कि दुष्कर्मियों को सार्वजनिक चौराहे पर फांसी पर लटकाया जाना चाहिए क्योंकि अपराध को चौराहे पर होता है पर इन्हें सजा अकेले में जेल में मिलती है. मेरी मांग है कि नर-पिशाचों को चौराहे पर फांसी दी जाए. उषा ठाकुर ने कहा कि यह उनकी और प्रदेश की महिलाओं की मांग है.
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