पति-पत्नी अलग अलग रह रहे हों तो दोस्त बनाना अपराध नहींः दिल्ली हाईकोर्ट

दूसरी ओर पत्नी ने तर्क दिया कि पति का उसके साथ वैवाहिक संबंध बनाए रखने का कोई इरादा नहीं था, और जब वह उससे मिलने जाती थी, तब वह अपने पुरुष और महिला दोस्तों के साथ फोन पर व्यस्त रहता था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 27, 2023, 10:35 PM IST
  • जानिए क्या है पूरा मामला
  • कोर्ट ने कहा- ये क्रूरता नहीं
पति-पत्नी अलग अलग रह रहे हों तो दोस्त बनाना अपराध नहींः  दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि जब पति-पत्नी काम की जरूरतों के कारण अलग-अलग रह रहे हों तो कार्यस्थल या किसी अन्य जगह दोस्त बनाना क्रूरता नहीं माना जा सकता. अदालत ने कहा कि अकेले रहने वाले व्यक्ति को दोस्त रखने में सांत्वना मिल सकती है और केवल दोस्तों से बात करने को अपने जीवनसाथी की अनदेखी या क्रूर कृत्य नहीं माना जा सकता है.

जानिए क्या है पूरा मामला
विचाराधीन मामले में एक पत्नी की अपील शामिल थी, जिसमें पति को परित्याग और क्रूरता के आधार पर तलाक देने के पारिवारिक अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी. सेना अधिकारी पति ने तर्क दिया कि उसकी लगातार पोस्टिंग के कारण पत्नी ने कभी भी उसके कार्यस्थल पर शामिल होने की इच्छा नहीं दिखाई.

पत्नी ने लगाए थे ये आरोप
दूसरी ओर पत्नी ने तर्क दिया कि पति का उसके साथ वैवाहिक संबंध बनाए रखने का कोई इरादा नहीं था, और जब वह उससे मिलने जाती थी, तब वह अपने पुरुष और महिला दोस्तों के साथ फोन पर व्यस्त रहता था. अदालत ने कहा कि अलग-अलग रहने की व्यवस्था को देखते हुए दोनों पक्षों के लिए दोस्त बनाना स्वाभाविक है.

कोर्ट ने कहा- दोस्ती क्रूरता नहीं
अदालत ने कहा कि बिना किसी सबूत के ऐसी दोस्ती को क्रूरता नहीं माना जा सकता. अदालत ने मूल आदेश को संशोधित किया, परित्याग के आधार पर तलाक को रद्द कर दिया, लेकिन पत्नी द्वारा क्रूरता के आधार पर इसे बरकरार रखा. पत्नी के इस आरोप के जवाब में कि पति प्रतिदिन शराब का सेवन करता है, अदालत ने कहा कि रोज शराब का सेवन शराब की लत या बुरे चरित्र का संकेत नहीं देता है, खासकर शराब के सेवन से जुड़ी अतिरिक्त घटनाओं के बिना.

पत्नी ने पति पर दूसरी महिला से अवैध संबंध होने का भी आरोप लगाया. हालांकि, अदालत ने कहा कि उसने क्रॉस-एग्जामिनेशन के दौरान कहा था कि वह उसके कथित व्यवहार के बावजूद उसके साथ रहने को तैयार है. अदालत ने इसे पति के कार्यों के प्रति सहमति माना. पीठ ने आगे कहा कि नाबालिग बच्चे को पिता से अलग कर दिया गया है और पत्नी ने उसके खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.

 

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