Loksabha chunaav 2024: तेलंगाना से बाहर केसीआर की पहली रैली, जानिए बीजेपी के लिए कितनी बड़ी चुनौती

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार को लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर तेलंगाना के बाहर महाराष्ट्र में पहली रैली की. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 5, 2023, 10:30 PM IST
  • जानिए केसीआर कितनी बड़ा फैक्टर
  • अगले साल लोकसभा का है चुनाव
Loksabha chunaav 2024: तेलंगाना से बाहर केसीआर की पहली रैली, जानिए बीजेपी के लिए कितनी बड़ी चुनौती

नई दिल्लीः तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार को लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर तेलंगाना के बाहर महाराष्ट्र में पहली रैली की. इस दौरान उन्होंने अडाणी समूह के कथित ‘घोटाले’ की चर्चा संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में कराने की मांग की. उन्होंने कोयला आयात और अडाणी के प्रति ‘प्रेम’ को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. चंद्रशेखर राव ने दावा किया कि केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर अडाणी समूह में लगे पैसे के संबंध में जोखिम को लेकर उसपर गलत बयान देने का दबाव बना रही है.

केंद्र सरकार पर लगाए कई आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली इस समस्या में शामिल है और पूरा देश चिंतित है. महाराष्ट्र के नांदेड़ में जनसभा को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख ने आरोप लगाया कि केंद्र राज्यों पर कोयला आयात के लिए मजबूर कर रहा है, जिसकी आपूर्ति केवल अडाणी समूह द्वारा की जा रही है. उन्होंने कहा कि कोयला आयात देश के साथ ‘धोखाधड़ी’ के समान है और बीआरएस के सत्ता में आने के बाद यह स्थिति बदलेगी. 

कहा- हम सत्ता में आए तो बदलेगी स्थिति
कोयले की स्थिति पर बोलते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है और अगले 120 साल तक यह चलेगा, लेकिन केंद्र सरकार राज्यों को आयातित कोयला खरीदने को मजबूर कर रही है, जिसकी आपूर्ति केवल अडाणी समूह करता है.

उन्होंने कहा, केंद्र का जिस तरह का प्रेम अडाणी के लिए है, वैसा ही प्रेम देश की जनता के लिए होना चाहिए. चंद्रशेखर राव ने कहा, कोयले का आयात देश से धोखा है. बीआरएस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर हम देश में मौजूद सभी कोयला खदानों का उचित तरीके से इस्तेमाल करें तो हमें एक किलोग्राम कोयला भी किसी देश से आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बीआरएस सत्ता में आने के बाद यह बदलाव करेगी.

केसीआर की चुनौती बीजेपी के लिए कितनी बड़ी

तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटे हैं. 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने 4 सीटें जीतकर सभी को चौंकाया था. ये 4 सीट पर जीत इसलिए अहम थी क्योंकि विधानसभा चुनाव में 117 सीट में 100 से अधिक सीट पर भाजपा की जमानत नहीं बची थी. 2014 लोकसभा में उसे केवल एक सीट मिली थी.

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अब अगर 2024 के चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने तेलंगाना को लेकर अलग रणनीति बनाई है. निकाय चुनाव से लेकर उपचुनाव तक बीजेपी पूरा फोकस कर के पैठ बना रही है. चंद्रशेखर भले ही लोकसभा में खुद को विकल्प के रूप में तलाश रहे हैं लेकिन पिछले 4 सालों के आंकड़े यही बताते हैं कि बीजेपी ने उनके खुद के राज्य में ही एक बड़ा संगठन खड़ा किया है.

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