Kisan Andolan: क्या है MSP, जिसकी गारंटी चाह रहे किसान?

Kisan Andolan MSP: किसानों की मांग है कि सरकार MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर कानून बनाए. केंद्र सरकार ही फसलों की न्यूनतम कीमत तय करती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 13, 2024, 01:17 PM IST
  • MSP का कानून बनाने की मांग
  • पहले भी उठ चुकी यही मांग
Kisan Andolan: क्या है MSP, जिसकी गारंटी चाह रहे किसान?

नई दिल्ली: Kisan Andolan MSP: देश में एक बार फिर किसान आंदोलन शुरू हो गया है. दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस भी तैनात कर दी गई है. किसानों के 'दिल्ली चलो' आंदोलन से करीब 150 से अधिक संगठन जुड़े हुए हैं. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. किसानों की मुख्य मांग MSP से जुड़ी है. आइए जानते हैं कि MSP क्या है और किसानों की इससे जुड़ी क्या मांग है?

MSP क्या है? (What is MSP)
MSP का मतलब Minimum Support Price है. इसे न्यूनतम समर्थन मूल्य भी कहा जाता है. दरअसल, MSP वह दर है जिस पर सरकार किसानों की फसल खरीदती है. आमतौर पर MSP किसानों की उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना अधिक होती है. देश की केंद्र सरकार ही फसलों की न्यूनतम कीमत तय करती है. मसलन, सरकार ने गेहूं का दाम 100 रुपये किया है और बाजार में इसका दाम 50 रुपये है. फिर भी सरकार को 100 रुपये में ही गेहूं खरीदनी होगी. 

कब शुरू हुई MSP? (When Was MSP Started)
साल 1966-67 में पहली बार MSP लाई गई थी. 60 के दशक में सरकार ने सबसे पहले गेहूं पर MSP तय की थी. सरकार किसानों ने गेहूं खरीदकर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों में बांट रही थी.

कौन-कौन सी फसलों पर है MSP?
कृषि मंत्रालय द्वारा खरीफ, रबी सीजन और अन्य सीजन की फसलों के साथ कमर्शियल फसलों पर MSP लागू होती है. 23 फसलों पर MSP लागू होती है. इनमें 14 खरीब फसलें, 6 रबी फसलें और दो अन्य वाणिज्यिक फसलें हैं. 
अनाज: धान, बाजरा, मक्का, रागी, जौ, ज्वार, गेहूं
तिलहन: सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, नाइजर या काला तिल, कुसुम
दाल: उड़द, चना, अरहर, मूंग, मसूर
अन्य फसल: कपास, जूट, नारियल, गन्ना

किसानों की मांग क्या? (Farmers Demand on MSP)
किसानों की मांग है कि सरकार MSP का कानून बनाए. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब 23 फसलों पर MSP दी जा रही है., तो किसान कानून क्यों चाह रहे हैं? दरअसल, कृषि लागत और मूल्य आयोग MSP की सिफारिश सरकार से करता है. लेकिन सरकार इस सिफारिश को मानने के लिए बाध्य नहीं है. MSP सिर्फ योजना है जिसे सरकार चाहे तो कभी भी बंद कर सकती है. अपने हिसाब से फसलों का मूल्य ऊपर-नीचे कर सकती है. ऐसे में किसान चाह रहे हैं कि सरकार किसानों की फसल का मूल्य तय करने के लिए बाध्य हो. इसी कारण से वो कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. 

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