नई दिल्ली: KC Tyagi Resignation Reason: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता केसी त्यागी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि वे निजी कारणों के चले प्रवक्ता पद छोड़ रहे हैं. पार्टी ने उनके इस्तीफा देते ही राजीव रंजन को राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर नियुक्त कर दियया है. राजीव रंजन की नियुक्ति इतनी जल्दी हुई है कि मानो पार्टी को पहले ही त्यागी के इस्तीफे का अंदेशा हो.
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया। राजीव रंजन प्रसाद नए पार्टी प्रवक्ता नियुक्त किए गए हैं। pic.twitter.com/0nG4ocjfTf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2024
त्यागी की वजह से उठीं NDA में मतभेद की खबरें
केसी त्यागी ने भले ही 'निजी कारणों' का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया हो, लेकिन इनसाइड स्टोरी कुछ और है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि केसी त्यागी कुछ समय से पार्टी के शीर्ष नेताओं से नाराज चल रहे थे. उनके हाल के बयान भी पार्टी लाइन से बाहर थे. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा तो ये भी है कि केसी त्यागी के बयानों के चलते NDA में मतभेद की बातें भी उठ चुकी हैं. वे JDU के लिए लायबिलिटी बनते जा रहे थे.
विपक्षी नेताओं के साथ नजर आए
हाल ही में विदेश नीति के मुद्दे पर केसी त्यागी की राय NDA से इतर और इंडिया गठबंधन के पक्ष में थी. उन्होंने इजराइल को हथियारों की सप्लाई रोकने के लिए साझा बयान पर हस्ताक्षर किए थे. केंद्र सरकार से आग्रह भी किया था कि इजरायल को हथियारों की सप्लाई नहीं करें. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि भारत गाजा में शांति का समर्थन करता है. 25 अगस्त को केसी त्यागी ने विपक्षी सांसदों के एक प्रतिनिधि मंडलके साथ फिलिस्तीनी नेता मोहम्मद करम से दिल्ली में मुलाकात की थी.
अग्निवीर का भी विरोध किया
लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून, 2024 को आए थे. इसके दो दिन बाद केसी त्यागी के एक बयान ने सुर्खियां बटोरी थीं. 6 जून, 2024 को केसी त्यागी ने कहा था कि अग्निवीर यूजना पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. इस योजना से कई लोग नाराज हैं. इसका असर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला है. इस पर नए तरीके से विचार किया जाना चाहिए.
इन मुद्दों पर भी पार्टी से इतर राय
केसी त्यागी ने SC/ST आरक्षण और लेटरल एंट्री के मामले पर पार्टी से अलग राय रखी थी. लेटरल एंट्री मुद्दे पर उन्होंने अपनी निजी राय को पार्टी की आधिकारिक राय के तौर पर पेश किया. ये JDU के लिए भी असहज स्थिति हो गई थी.यही कारण है कि JDU ने त्वरित गति से केसी त्यागी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया.
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