नई दिल्ली. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा 80 वर्ष के हो चुके हैं. पर भाजपा, राज्य में फिर से सरकार बनाने के लिए येदियुरप्पा को अपना पोस्टर ब्वॉय तो बना ही चुकी है और सूत्रों के मुताबिक उन्हें कर्नाटक विधान सभा चुनाव को लेकर बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है.
क्यों येदियुरप्पा हैं जरूरी
भाजपा के अलिखित नियमों के अनुसार उन्हें अब तक सक्रिय राजनीति से अलग हो जाना चाहिए था, लेकिन कर्नाटक में भाजपा की जड़ें जमाने वाले और दक्षिण भारत में पहली बार कमल खिलाने वाले बीएस येदियुरप्पा का राज्य में अभी भी व्यापक जनाधार है.
येदियुरप्पा क्यों हैं नाराज
दरअसल, कर्नाटक के लिंगायत समुदाय पर मजबूत पकड़ रखने वाले येदियुरप्पा को जब जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री पद से हटाकर बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया, तबसे ही येदियुरप्पा समर्थकों में नाराजगी की खबरें आती रहती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक येदियुरप्पा भी अपने बेटों को बड़ी भूमिका नहीं देने से नाराज हैं.
पीएम मोदी से करीबी रिश्ते
भाजपा आलाकमान से खट्टे-मीठे रिश्ते रखने वाले येदियुरप्पा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंध बहुत खास हैं और वे कभी भी उनकी बात नहीं टालते हैं. हाल ही में कर्नाटक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मंच पर झुककर येदियुरप्पा को नमस्कार किया. पीएम ने उनकी जमकर तारीफ की. इसके बाद पीएम मोदी ने लोगों से उनके मोबाइल की फ्लैश लाइट जलवा कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी.
कर्नाटक में येदियुरप्पा के राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए ही भाजपा आलाकमान ने उन्हें पार्टी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च और सबसे ताकतवर संस्था भाजपा संसदीय बोर्ड का सदस्य बना कर कर्नाटक की जनता को राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया था और अब प्रधानमंत्री से लेकर अमित शाह और जेपी नड्डा भी अपने हर कर्नाटक दौरे पर येदियुरप्पा की मंच से जमकर तारीफ कर रहे हैं. भाजपा के उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक विधान सभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी जल्द ही उन्हें कोई बड़ी भूमिका देने की घोषणा कर सकती है.
(इनपुटः आईएएनएस)
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