जोशीमठ: जमीन धंसने की गति बढ़ी, जानें पीड़ितों को मिलेंगे कितने रुपये और सहायता

जोशीमठ में आपदा के बीचप्रभावित लोगों के सुरक्षित स्थानों पर जाने का सिलसिला जारी है. अब जोशीमठ के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है.पिछले 12 दिनों में भू-धंसाव की गति बढ़ी है. बता दें कि इस इलाके में हो रहे भू-धंसाव को लेकर कई अध्ययन किए जा रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 14, 2023, 01:36 PM IST
  • उन भवनों की संख्या 760 है, जिनमें दरारें आई हैं
  • इनमें से 147 को असुरक्षित घोषित किया गया है
जोशीमठ: जमीन धंसने की गति बढ़ी, जानें पीड़ितों को मिलेंगे कितने रुपये और सहायता

देहरादून/जोशीमठ. लंबे समय से जोशीमठ में भू-धंसाव और दरार की समस्या देखी जा रही थी, जो समय के साथ तेजी से बढ़ता चला गया. जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर कई अध्ययन किए जा रहे हैं. इसमें सामने आया है कि अब जोशीमठ के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है. 

12 दिन में रफ्तार बढ़ी
इसमें एक बात यह भी सामने आ रही है कि पिछले 12 दिनों में भू-धंसाव की गति बढ़ी है. असुरक्षित घोषित दो होटलों को ढहाए जाने और प्रभावित लोगों के सुरक्षित स्थानों पर जाने का सिलसिला लगातार जारी है.

राज्य मंत्रिमंडल ने दी राहत
इस बीच शुक्रवार को उत्तराखंड के राज्य मंत्रिमंडल ने भी प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कई निर्णय लिए, जिनमें उनके मकानों के किराए की धनराशि बढ़ाकर पांच हजार प्रतिमाह करना, उनके बिजली-पानी के बिल 6 महीने की अवधि के लिए माफ करना तथा बैंकों से उनके ऋणों की वसूली एक साल तक स्थगित रखना शामिल है. 

सीएम क्या बोले
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब तक जोशीमठ के 90 परिवारों को 'स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने फिर साफ किया कि अभी किसी के मकान को तोड़ा नहीं जा रहा है और केवल आवश्यकतानुसार खाली करवाया जा रहा है.उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सर्वेक्षण करने वाले दल अपना काम कर रहे हैं. प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए धामी ने कहा कि प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है और गुरुवार से इसका वितरण भी शुरू कर दिया गया है.जोशीमठ में पुनर्वास की कार्रवाई पूरी योजना के साथ की जाएगी. 

राहत शिविर में रहने की मजबूरी
वहीं डरे सहमे हुए लोग नम आंखों से अपने आशियानों को छोड़ कर जाने को मजबूत हो गए हैं. कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं, तो कई प्रभावित लोग अस्थाई राहत शिविरों में रहने को मजबूत हो गए हैं.

उधर, चमोली में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि जोशीमठ के 25 और परिवारों को शुक्रवार को अस्थाई राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया. इन अस्थाई राहत शिविरों में पीड़ितों को ठंड से बचाने के तमाम व्यवस्थायें की गई है. उन भवनों की संख्या अभी 760 ही है, जिनमें दरारें आई हैं. इनमें से 147 को असुरक्षित घोषित किया गया है.

चमोली डीएम हिमांशू खुराना ने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों के लिए कैंप बनाए गए हैं, एक किचन भी बनाया गया है. यह सभी लोगों के लिए खुला है. मैंने यहां लोगों के साथ भोजन किया. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे परस्पर निरीक्षण करते रहें.

रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की तकनीकी निगरानी में दरारों के कारण ऊपरी हिस्से से एक दूसरे से खतरनाक तरीके से जुड़ गए दो होटलों-सात मंजिला 'मलारी इन' और पांच मंजिला 'माउंट व्यू' को तोड़ने की कार्रवाई जारी रही. इन दोनों होटलों के कारण उनके नीचे स्थित एक दर्जन घरों को खतरा उत्पन्न हो गया था. 

प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि जोशीमठ में अल्पकालिक एवं मध्यकालिक कार्य जारी रहेंगे, जिन पर होने वाले व्यय का समायोजन केंद्र से राहत पैकेज मिलने पर किए जाने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी. प्रभावितों के लघुकालिक पुनर्वास के लिए चमोली जिला प्रशासन द्वारा कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम गौख सेलंग तथा ग्राम ढाक में चयनित भूखंडों के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत वहां 'प्री- फेब्रीकेटेड' संरचनाओं के निर्माण को भी मंत्रिमंडल ने सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान कर दी.

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