नई दिल्ली: Earthquake In Jammu Kashmir: धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर में आज मंगलवार 20 अगस्त 2024 को भूकंप के एक के बाद एक झटके महसूस किए गए. भूकंप के इन 2 झटकों से घाटी के लोग सहम उठे. भूकंप के पहले झटके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.9 मापी गई. वहीं दूसरा झटका 4.6 तीव्रता वाला था. भूकंप के झटकों के कारण अभी तक किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है, हालांकि इसके चलते लोगों में दहशत जरूर फैल गई.
घर से बाहर निकले लोग
बता दें कि भूकंप का झटका जम्मू-कश्मीर के बारामूला, श्रीनगर और पूंछ में महसूस किए गए. वहीं इसका केंद्र नॉर्थ कश्मीर का बारामूला जिला था, हालांकि वहां से अभी तक किसी भी तरह के नुकसान की कोई पुष्टि नहीं की गई है.
Earthquake of Magnitude: 4.9, Occured on: 20/08/2024 06:45:57 IST, Lat: 34.17 N, Long: 74.16 E, Depth: 5 Km, Region: Baramulla, Jammu and Kashmir. More details at https://t.co/8axuLrCgeo or BhooKamp App pic.twitter.com/boIEwQOPRw
— Meteorological Centre Srinagar (@metsrinagar) August 20, 2024
भूकंप इतना जोरदार था कि लोगों की नींद खुल गई और वे सहमे हुए अपने घर से बाहर निकल गए. बता दें कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी भूकंप के झटकों का असर देखने को मिला है, हालांकि वहां से भी किसी तरह के जान-माल को नुकसान पहुंचने का कोई मामला सामने नहीं आया है. जम्मू-कश्मीर के पूंछ से भूकंप का एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में एक पंखा भूकंप के झटकों के बीच तेजी से हिलते हुए देखा जा सकता है.
#WATCH | An earthquake of magnitude 4.9 on the Richter Scale struck Jammu and Kashmir
(Visuals from Poonch) https://t.co/EiP0pdpmmW pic.twitter.com/6kVyRwGtET
— ANI (@ANI) August 20, 2024
कैसे आता है भूकंप?
हमारी धरती टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे लावा नाम का तरल पदार्थ है इसी पर टेक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ये प्लेट्स आपस में एकदूसरे से टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से इनके कोने मुड़ जाते हैं, जिसके चलते इनपर दबाव ज्यादा पड़ता है और ये टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली एनर्जी बाहर की ओर जाने का रास्ता खोजने लगती है. इसके कारण डिस्टर्बेंस बनता है, जिससे भूकंप आता है.
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?
बता दें कि भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. यह भूकंप की तरंगो की तीव्रता को मापने वाला एक गणितीय पैमाना होता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल भी कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके एपीसेंटर यानी केंद्र से 1-9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्केल भूकंप के दौरान जमीन के अंदर से निकली एनर्जी के आधार पर ही तीव्रता को मापता है.
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