INS Mormugao: इंडियन नेवी को मिला सबसे घातक युद्धपोत, बेड़े में शामिल हुआ आईएनएस मोरमुगाओ

इस युद्धपोत में ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगी हैं. इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार भी लगाया गया है. रडार सिस्टम से दुश्मन को ट्रैक किया जा सकता है. इसमें एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं. तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलिकॉप्टर भी हैं.127 मिलीमीटर गन से लैस है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 18, 2022, 05:07 PM IST
  • इंडियन नेवी को मिला सबसे घातक युद्धपोत
  • बेड़े में शामिल हुआ आईएनएस मोरमुगाओ
INS Mormugao: इंडियन नेवी को मिला सबसे घातक युद्धपोत, बेड़े में शामिल हुआ आईएनएस मोरमुगाओ

नई दिल्ली: स्वदेश निर्मित एवं ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरी विध्वंसक मिसाइल ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया. ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ को सेना में शामिल किए जाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) अनिल चौहान और गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन भी उपस्थित रहे.

सबसे घातक युद्धपोत

रिपोर्ट के मुताबिक मोरमुगाओ की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7,400 टन है. इसे स्वदेश में निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में से एक माना जा रहा है.

क्या है खासियत

इस युद्धपोत में ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगी हैं. इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार भी लगाया गया है. रडार सिस्टम से दुश्मन को ट्रैक किया जा सकता है. इसमें एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं. तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलिकॉप्टर भी हैं.127 मिलीमीटर गन से लैस है. 

क्या कहा राजनाथ सिंह ने

इस मौके पर रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ युद्धपोत डिजाइन करने और उसे विकसित करने में भारत की उत्कृष्टता का प्रमाण है. सिंह ने कहा कि ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ सबसे शक्तिशाली स्वदेशी युद्धपोतों में से एक है. उन्होंने ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ को प्रौद्योगिकी आधार पर सबसे उन्नत युद्धपोत बताया. उन्होंने कहा कि युद्धपोत को शामिल किए जाने से भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी.

इस वजह से नाम पड़ा मोरमुगाओ

सिंह ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और विशेषज्ञों के अनुसार यह 2027 में शीर्ष तीन में शामिल हो जाएगी. नौसेना प्रमुख ने कहा कि युद्धपोत को गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर नौसेना में शामिल किया जाना पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हुई बड़ी प्रगति की ओर इशारा करता है. आईएनएस मोरमुगाओ ‘प्रोजेक्ट 15बी’ के तहत ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक है. इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है तथा निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है. पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर ‘मोरमुगाओ’ नाम रखा गया है.

कई मिसाइलों से लैस है ये युद्धपोत

संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसंबर, 2021 को समुद्र में उतरा था और इसी दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 वर्ष पूरे हुए थे. इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है. पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है. पोत 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है. यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है. 

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