Indo-Pak War: भारतीय नौसेना को मिला PNS Ghazi का मलबा, INS विक्रांत पर हमला करने आते वक्त खुद हुआ था ढेर

PNS Ghazi wreckage at Visakhapatnam coast: भारतीय नौसेना के DSRV ने विजाग(Visakhapatnam) के पास 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान डूबी पाकिस्तानी पनडुब्बी पीएनएस गाजी(PNS Ghazi) के मलबे का पता लगा लिया है. इस खोज के बावजूद, नौसेना ने सम्मान के तौर पर इसे न छूने का फैसला किया है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Feb 23, 2024, 08:59 PM IST
  • भारतीय नौसेना के DSRV को मिली बड़ी कामयाबी
  • पीएनएस गाजी के मलबे को हाथ नहीं लगाएगी भारतीय नौसेना
Indo-Pak War: भारतीय नौसेना को मिला PNS Ghazi का मलबा, INS विक्रांत पर हमला करने आते वक्त खुद हुआ था ढेर

PNS Ghazi wreckage at Visakhapatnam coast: भारतीय नौसेना के डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) ने हाल ही में विजाग शहर (Visakhapatnam) के तट के पास पाकिस्तानी पनडुब्बी पीएनएस गाजी (PNS Ghazi) के मलबे का पता लगाया है. 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान डूबी यह पनडुब्बी तट से करीब 2 से 2.5 किलोमीटर दूर करीब 100 मीटर की गहराई में मिली थी. 

PNS Ghazi का डूबना युद्ध का एक महत्वपूर्ण क्षण था. यह युद्ध 1972 में बांग्लादेश के निर्माण के साथ समाप्त हुआ. PNS Ghazi जब ढेर हुआ तो उसमें 93 लोग सवार थे.

1971 के युद्ध में विजाग की भूमिका
विजाग शहर ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. PNS Ghazi के डूबने को भारत की पहली जोरदार सैन्य जीत के बड़े बिंदुओं में से एक माना जाता है. पाकिस्तान ने पीएनएस गाजी को भारत के पूर्वी समुद्री तट पर खनन करने और INS विक्रांत को नष्ट करने के लिए भेजा था. कराची से 4,800 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे गाजी को भारतीय नौसेना के विध्वंसक INS राजपूत ने ट्रैक किया था, जो अंततः उसके डूबने का कारण बना. यानी PNS Ghazi को खत्म कर दिया गया.

मलबे का पता लगाने के बावजूद, भारतीय नौसेना ने नौसेना की अच्छी व सच्ची परंपराओं के अनुरूप, कार्रवाई में शहीद हुए लोगों के सम्मान में इसे नहीं छूने का फैसला किया है. नौसेना कर्मी इन मलबे को बहादुर आत्माओं के लिए अंतिम विश्राम स्थल मानते हैं और सम्मान के प्रतीक के रूप में ऐसे ही छोड़ दिया जाता है.

क्षेत्र में मिले अन्य मलबे
PNS Ghazi विजाग के पास बंगाल की खाड़ी के तल पर पड़ी एकमात्र पनडुब्बी नहीं है. द्वितीय विश्व युद्ध की एक जापानी पनडुब्बी, इंपीरियल जापानी नौसेना की आरओ-110 भी अविभाजित विजाग जिले के रामबिली इलाके के तट पर डूब गई थी.

DSRVs का महत्व
2018 में DSRVs के शामिल होने से भारतीय नौसेना को 650 मीटर तक की गहराई पर बचाव अभियान चलाने की क्षमता वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल होने में सक्षम बनाया है. ये वाहन पनडुब्बी संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर हिंद महासागर और आस-पास के क्षेत्रों में पनडुब्बियों की बढ़ती उपस्थिति के साथ.

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