बालासोर. देश की सेनाओं के लिए मंगलवार का दिन खास रहा.दरअसल भारत ने ओडिशा तट के पास अब्दुल कलाम द्वीप से सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) ‘प्रलय’ का आज सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है.
मिसाइल ने अपने सभी मिशन उद्देश्य को पूरा किया
पूर्वाह्न करीब नौ बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित की गई मिसाइल ने अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया.समुद्र तट के पास कई उपकरणों ने इसके प्रक्षेप पथ पर नजर रखी. अधिकारी ने कहा कि ‘प्रलय’ 350-500 किलोमीटर की कम दूरी वाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जो 500 से 1,000 किलोग्राम का पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है.
एलएसी पर तैनात किया जाएगा
‘प्रलय’ को वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा के पास तैनात करने के लिए विकसित किया गया है. इस मिसाइल को चीन के खिलाफ अहम हथियार के रूप में देखा जा रहा है.इससे पहले दिसंबर 2021 में इस मिसाइल का दो बार सफल परीक्षण किया गया था. रक्षा मंत्रालय ने पहले ही 370 प्रलय मिसाइल की खरीद का ऑर्डर दे रखा है. इसके अलावा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की खरीद का ऑर्डर भी दिया है.
द्श्मन के डिफेंस को चकमा देने की क्षमता
प्रलय मिसाइल एक क्वासी बैलिस्टिक प्रक्षेप पथ पर चलती है. इसका प्रक्षेप पथ बैलिस्टिक मिसाइल से नीचा होता है लेकिन लगातार हाई स्पीड मेनटेन रखती है. इसकी क्षमताएं इसे दुश्मन के डिफेंस में घुसने के लिए कारगर बनाती हैं.
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