Air Force के तीन अधिकारी बर्खास्त, गलती से पाक में ब्रह्मोस मिसाइल दागने के लिए ठहराए गए जिम्मेदार

वायु सेना के तीन अधिकारियों को मंगलवार को बर्खास्त कर दिया, जिन्हें नौ मार्च को दुर्घटनावश ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने की घटना की उच्चस्तरीय जांच में जिम्मेदार ठहराया गया था. वह मिसाइल पाकिस्तान में गिरी थी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 23, 2022, 08:42 PM IST
  • रैंक और नाम के बारे में नहीं दी जानकारी
  • सरकार ने गंभीरता से लिया था घटना को
Air Force के तीन अधिकारी बर्खास्त, गलती से पाक में ब्रह्मोस मिसाइल दागने के लिए ठहराए गए जिम्मेदार

नई दिल्लीः वायु सेना के तीन अधिकारियों को मंगलवार को बर्खास्त कर दिया, जिन्हें नौ मार्च को दुर्घटनावश ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने की घटना की उच्चस्तरीय जांच में जिम्मेदार ठहराया गया था. वह मिसाइल पाकिस्तान में गिरी थी. 

3 अधिकारियों ने प्रक्रिया का नहीं किया था पालन
एक आधिकारिक बयान के अनुसार कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओए) ने इस घटना की जांच में पाया कि तीन अधिकारियों ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं किया. उस घटना के बाद, रक्षा मंत्रालय ने 'गहरा खेद' जताया था, वहीं पाकिस्तान ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था. 

आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘नौ मार्च को गलती से एक ब्रह्मोस मिसाइल दागी गई थी. इस घटना को लेकर जिम्मेदारी तय करने सहित मामले के तथ्यों को स्थापित करने के लिए गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (कर्नल) ने पाया कि तीन अधिकारियों द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.’

23 अगस्त को किया गया था बर्खास्त
बयान के अनुसार, "इन तीन अधिकारियों को घटना के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है. केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं. अधिकारियों को 23 अगस्त को बर्खास्तगी के आदेश दे दिए गए हैं." 

रैंक और नाम के बारे में नहीं दी जानकारी
वायु सेना ने हालांकि उन अधिकारियों के रैंक और नामों का जिक्र नहीं किया है जिन्हें बर्खास्त किया गया है. लेकिन समझा जाता है कि बर्खास्त अधिकारियों में एक ग्रुप कैप्टन हैं. रक्षा मंत्रालय ने 11 मार्च को कहा था कि तकनीकी खराबी के कारण नियमित रख-रखाव के दौरान दुर्घटनावश एक मिसाइल चल गई थी और पाकिस्तान के एक इलाके में गिरी. 

सरकार ने गंभीरता से लिया था घटना को
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 मार्च को संसद में कहा था कि सरकार ने इस घटना को बहुत ही गंभीरता से लिया है तथा उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं. घटना के बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के प्रभारी को ‘उड़ने वाली भारतीय सुपर-सोनिक वस्तु’ द्वारा उसके हवाई क्षेत्र के कथित उल्लंघन करने की बात कहते हुए इस बारे में अपना विरोध दर्ज कराया था. 

पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि 124 किलोमीटर की दूरी से एक वस्तु भारत की ओर से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में पहुंची थी. 

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