नई दिल्ली: सरकार ने धार्मिक समुदायों के बीच घृणा फैलाने के इरादे से सामग्री में छेड़छाड़ करने और फर्जी खबरें प्रसारित करने के लिए 10 यूट्यूब चैनल के 45 वीडियो को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को यह जानकारी दी.
1.30 करोड़ बार देखा जा चुका है वीडियो
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जिन वीडियो को प्रतिबंधित किया गया है, उन्हें कुल मिलाकर 1.30 करोड़ बार देखा जा चुका है और उनमें दावा किया गया है कि सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकार छीन लिए हैं. ठाकुर ने कहा, 'इन चैनलों में ऐसी सामग्री थी, जो समुदायों के बीच भय और भ्रम फैलाती है.'
Content included fake news & morphed videos spread with the intent to spread hatred among religious communities. Examples include false claims such as Govt to have taken away religious rights of certain communities, violent threats against religious communities, etc: IB Ministry
— ANI (@ANI) September 26, 2022
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रतिबंधित सामग्री में धार्मिक समुदायों के बीच घृणा फैलाने की मंशा से प्रसारित फर्जी खबरें और छेड़छाड़ किये गए वीडियो शामिल हैं.
झूठ फैलाने के लिए हो रहा था वीडियो का इस्तेमाल
इसमें कहा गया है, 'मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित किये गए कुछ वीडियो का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर गलत सूचनाएं प्रसारित करने के लिए किया जा रहा था.'
बयान के अनुसार, यह सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा और दूसरे देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के नजरिए से झूठी और संवेदनशील मानी गयी. इसमें कहा गया है कि इन वीडियो को प्रतिबंधित करने का आदेश सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा निर्देश एवं डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता) नियम 2021 के प्रावधानों के तहत 23 सितंबर को जारी किया गया.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इससे पहले सरकार ने साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले 102 यूट्यूब चैनल और फेसबुक अकाउंट को प्रतिबंधित किया था.
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