Budget 2024: कैसे तैयार होता है बजट, कितना टाइम लगता है? यहां जानें बजट निर्माण से जुड़े 5 पॉइंट

How Budget Prepared: बजट बनाने की प्रिक्रिया आमतौर पर 6 महीने तक चलती है. इस दौरान 5 चरणों से गुजरना पड़ता है. वित्त मंत्रालय के अधिकारी अलग-अलग सेक्टर के लोगों से विचार-विमर्श करते हैं, उनके सुझाव लेते हैं.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jul 23, 2024, 08:25 AM IST
  • सभी मंत्रालयों से मांगे जाते हैं आंकड़े
  • फिर विचार-विर्मश भी होता है
Budget 2024: कैसे तैयार होता है बजट, कितना टाइम लगता है? यहां जानें बजट निर्माण से जुड़े 5 पॉइंट

नई दिल्ली: How Budget Prepared: आज देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इससे पहले फरवरी में वित्त मंत्री सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया था. चूंकि, ये चुनावी साल था, इसलिए वित्त मंत्री 23 जुलाई को 11 बजे केंद्रीय बजट पेश करेंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट कैसे तैयार होता है. इसे बनाने में कितना टाइम लगता है? आइए, जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें.

बजट बेहद गोपनीय दस्तावेज
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि बजट बेहद गोपनीय दस्तावेज है, जो लीक नहीं होना चाहिए. जो लोग बजट बनाते हैं, जैसे अधीनस्थ कर्मचारी, स्टेनोग्राफर्स, टाइपराइटर्स या प्रिंटिग प्रेस के कर्मचारी इस प्रक्रिया के दौरान दफ्तर में ही काम करते हैं. जैसे-जैसे बजट पेश करने का समय निकट आता है, गोपनीयता और बढ़ा दी जाती है. इन्हें अपने परिजनों से भी बात नहीं करने दी जाती. वित्त मंत्री का बजट भाषण भी दो दिन पहले ही प्रकाशित किया जाता है. 

बजट कैसे बनता हैं, समझें 5 पॉइंट्स में

वैसे तो बजट को वित्त मंत्रालय के अधिकारी तैयार करते हैं. लेकिन अलग-अलग क्षेत्र और विभागों के लोगों से राय मांगी जाती है. उनके सुझावों को भी बजट में जोड़ा जाता है. सरकार के अन्य मंत्रालयों के कुछ लोग भी बजट बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं. देश का बजट हर साल 5 चरणों में तैयार किया जाता है.

1. प्रारंभिक चरण: बजट बनाने की प्रक्रिया 6 महीने पहले से ही शुरू कर दी जाती है. वित्त मंत्रालय द्वारा अन्य विभागों को बजट सर्कुलर भेजा जाता है. इन मंत्रालयों से खर्चों का अनुमान और उसके लिए जरूरी फंड की आवश्यकताओं को पूछा जाता है. फिर किसान संघ से लेकर उद्योग संघ और मजदूर संघ से चर्चा की जाती है, ताकि उनके सुझावों को जगह दी जा सकी, उनकी मांगों का पता चल सके.

2. आंकड़ों की जांच: जब वित्त मंत्रालय सभी मंत्रालयों से आंकड़े जुटा लेता है, तब शीर्ष अधिकारी उस डाटा की जांच करते. यदि उन्हें कहीं गलती नजर आती है तो वे संशोधित डाटा की मांग सकते हैं. 

3. बजट निर्माण: यह बजट बनाने की प्रक्रिया का सबसे अहम हिस्सा हैं. इसमें अलग-अलग मंत्रालयों से मिले डाटा और विशेषज्ञों से मिले सुझावों के आधार पर योजनाएं बनाई जाती हैं. ये तय होता है कि किस मंत्रालय के हिस्से कितना बजट दिया जाएगा. यहीं तय होता है कि बजट में कौनसी घोषणाएं की जाएंगी.

4.बजट प्रकाशन: हलवा सेरेमनी के साथ बजट की छपाई शुरू होती है. इस दौरान वित्त मंत्री उन अधिकारियों को हलवा खिलाते हैं, जिन्होंने बजट निर्माण में अहम भूमिका निभाई है. बजट छपाई के दौरान अधिकारी और प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी दफ्तर में ही रहते हैं, ताकि बजट की कोई बात लीक न हो. 

5. बजट प्रजेंटेशन: आखिरी चरण में बजट पेश किया जाता है. इससे पहले वित्त मंत्री को राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी पड़ती है. फिर संसद में वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जाता है. इस दौरान बजट भाषण पढ़ा जाता है.

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