IVF Treatment age restrictions under ART Act: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजाब सरकार से सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर के इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) उपचार पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है. बताया गया कि यह जवाब 14 मार्च को, एक मीडिया रिपोर्ट पर मांगा गया है जिसमें सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 या एआरटी अधिनियम के तहत उम्र प्रतिबंध के कारण उपचार के संबंध में चिंताओं को उजागर किया गया था.
PTI के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि एआरटी अधिनियम की धारा 21 (जी) (आई), जिसमें आईवीएफ सेवाएं चाहने वाली महिलाओं को 21 से 50 वर्ष की आयु सीमा के भीतर आना चाहिए. लेकिन बताया गया कि मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह जहां 60 वर्ष के हैं, वहीं चरण कौर 58 वर्ष की हैं. तो ऐसे में दायरे में ना होते हुए भी IVF क्यों और कैसे कराया गया, इसपर रिपोर्ट मांगी गई है.
मूसेवाला के परिवार ने लगाया उत्पीड़न का आरोप
बलकौर सिंह ने अपने दूसरे बेटे के जन्म के बाद भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. बता दें कि पंजाब के मनसा जिले में सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लगभग 22 महीने बाद बलकौर सिंह और उनकी पत्नी चरण कौर ने रविवार को अपने बच्चे का इस संसार में स्वागत किया.
मंगलवार रात X (पूर्व में ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, बलकौर सिंह ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार बच्चे की 'वैधता' पर परिवार से पूछताछ कर रही है. बलकौर सिंह ने वीडियो में कहा, 'वाहेगुरु के आशीर्वाद से, हमें अपना शुभदीप (सिद्धू मूसेवाला) वापस मिल गया.'
उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि, सरकार सुबह से ही मुझे परेशान कर रही है, मुझसे बच्चे के दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कह रही है. वे यह साबित करने के लिए मुझसे पूछताछ कर रहे हैं कि यह बच्चा लीगल है क्या.'
ਅਜਿਹਾ ਕਿਹੜਾ ਡਰ ਜਾਂ ਕਿਹੜੀ ਮਜਬੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਸਰਕਾਰ ਇੱਕ ਨਵ-ਜਨਮੇਂ ਬੱਚੇ ਦੀ ਖ਼ੁਸ਼ੀ ਵਿੱਚ ਵਿਘਨ ਪਾ ਰਹੀ ਹੈ? pic.twitter.com/b2y1kFYchn
— Sardar Balkaur Singh Sidhu (@iBalkaurSidhu) March 19, 2024
सिद्धू मूसेवाला की हत्या
सिद्धू मूसेवाला दंपति का इकलौता बेटा था, जिसकी 29 मई, 2022 को पंजाब के मनसा के जवाहर के गांव में छह हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
मूसेवाला की हत्या की जांच कर रही एसआईटी ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और जग्गू भगवानपुरिया सहित 34 आरोपियों के खिलाफ तीन पूरक आरोपपत्रों सहित चार आरोपपत्र दायर किए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि हत्या बिश्नोई और बंबीहा गिरोह के बीच प्रतिशोध के कारण हुई.
कुल 34 आरोपियों में से पुलिस ने 29 को गिरफ्तार कर लिया था. उनमें से दो, मनदीप सिंह और मनमोहन सिंह, फरवरी में गोइंदवाल जेल में झड़प के दौरान मारे गए थे.
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