नई दिल्ली: ज्ञानवापी के वुजूखाने का एक वीडियो वायरल हो गया. इस वीडियो में उस फव्वारे को दिखाया गया है, जिसके शिवलिंग होने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया जा रहा है. वीडियो कैसे वायरल हुआ और किसने किया, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. हालांकि हिंदू पक्ष ने वीडियो लीक होने को साजिश बताया है और सीलबंद लिफाफा आज ही कोर्ट में वापस लौटाने की बात कही है.
ज्ञानवापी में हुए सर्वे में क्या सबूत मिले?
क्या ज्ञानवापी मस्जिद नहीं मंदिर है?
ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने के दावे का सच क्या है?
ज्ञानवापी मामले पर ऐसे ही कई सवालों के जवाब हर कोई जानना चाहता है. कोर्ट गर्मियों की छुट्टियों के बाद इस बारे में कुछ बताता, उससे पहले ही एक वीडियो वायरल हो रहा है. ये वायरल वीडियो ज्ञानवापी में हुए सर्वे का बताया जा रहा है. इस वायरल वीडियो में ज्ञानवापी का वुजूखाना साफ दिख रहा है, जहां पानी भरा हुआ है.
Gyanvapi Exclusive: ज्ञानवापी सर्वे की सबसे एक्सक्लूसिव फुटेज..बहुत सी चीजे हो रही हैं स्पष्ट#Gyanvapi #Shivling pic.twitter.com/7G0FvX0VYe
— ZEE HINDUSTAN (@Zee_Hindustan) May 30, 2022
पानी के बीच गोल घेरे में शिवलिंग की आकृति दिखाई दे रही है. वीडियो में ये आकृति ज्यादा नजदीक से देखी जा सकती है. इसी आकृति के आदि विश्वेश्वर के पवित्र शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि लोग इस आकृति को धो रहे हैं और वकीलों समेत कई लोग इस पूरी प्रक्रिया को देख रहे हैं. इसके अलावा इसके नीचे बना तहखाना भी वीडियो में दिखाई दे रहा है.
इससे पहले वुजूखाने का जो वीडियो सामने आया था, उसमें तस्वीर इतनी स्पष्ट नहीं थी, जितनी इस वीडियो में है.
वायरल वीडियो में क्या-क्या है?
पहले के वीडियो में वुजूखाने के अंदर पानी था और कुछ लोगों को पानी खाली करते हुए दिखाया गया था, जबकि दूसरा वीडियो जो वायरल हो रहा है वो उस वक्त का है जब इस आकृति के आसपास पानी नहीं है और आकृति ज्यादा स्पष्ट दिखाई दे रही है.
जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद 4 जुलाई तक टाल दी थी. साथ ही वीडियो सर्वे की रिपोर्ट दोनों पक्षों को इस शर्त पर सौंपी गई थी कि इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.
लेकिन कोर्ट के आदेश के कुछ देर बाद ही ऐसे वीडियो और फोटो मीडिया में दिखाई जाने लगे, जिनके बारे में दावा किया गया कि ये सर्वे के दौरान के हैं. हालांकि वीडियो कैसे वायरल हुआ और किसने किया, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
हिंदूपक्ष का कहना है कि वीडियो एक साजिश के तहत वायरल हुआ है, क्योंकि उन्होंने तो अभी सीलबंद लिफाफे को खोला भी नहीं है. हिंदू पक्ष का कहना है कि वो अब इस लिफाफे को कोर्ट को वापस करेगा.
मुस्लिम पक्ष ने किया ये बड़ा दावा
वहीं मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि जिन्हें अदालत से वीडियो मिला है उन लोगों ने ही इसे लीक किया है. साथ ही 1936 के दीन मोहम्मद केस का हवाला देते हुए मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि उन्हें तहखाने, गुंबद और परिसर का पूरा अधिकार है.
वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने गए श्रद्धालुओं ने भगवान नंदी के सामने पूजा-अर्चना की. श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्होंने आदि विश्वेश्वर के मुक्ति के लिए प्रार्थना की.
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