Gyanvapi Wazukhana Cleaning: सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद आखिरकार यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने की सफाई शनिवार को की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट से हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि वे चाहते हैं कि वजूखाना में सफाई की अनुमति दी जाए. जिसके बाद कोर्ट ने डीएम की देखरेख में साफ सफाई का काम किए जाने के निर्देश दिए थे.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर 'वजूखाने टैंक' की सफाई की अनुमति देने पर वाराणसी के डीएम एस राजलिंगम का कहना है, 'वजूखाने टैंक की सफाई शनिवार को की जाएगी.'
#WATCH | On SC allowing the cleaning of the 'wazukhana tank' inside the Gyanvapi mosque, Varanasi DM S Rajlingam says, "The cleaning (of the 'wazukhana tank') will be done on Saturday." pic.twitter.com/Y4LhIsfN7X
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 18, 2024
सफाई के बाद दोबारा लगेगी सील
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने (पानी की टंकी) की सफाई की अनुमति दी, जहां मई 2022 में एक आयोग के सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था. भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक पीठ डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने हिंदू वादियों द्वारा दायर एक आवेदन को अनुमति दी. वजूखाना में मछिलियों के मर जाने के बाद याचिका दाखिल की गई थी. वहां सफाई की जरूरत बताई गई थी. जहां सफाई के बाद वजूखाना को दोबारा बंद दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में सुनाई के दौरान मस्जिद समिति के वकील, वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने पीठ से कहा कि मुस्लिम पक्ष ने भी टैंक की सफाई की अनुमति देने के लिए वाराणसी अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, लेकिन उन्होंने कहा, 'अदालत के पिछले आदेशों का पालन किया जाना चाहिए.'
बेसमेंट की चाबियां DM को सौंपने का आदेश
जिला अदालत ने आदेश दिया है कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाने (जिसे 'व्यास जी का तहखाना' के नाम से जाना जाता है) की चाबियां जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी जाएं. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि जिला जज एके विश्वेश ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि परिसर के दक्षिणी छोर पर स्थित व्यास जी के तहखाने की उचित देखभाल करने की जरूरत है.
अदालत ने कहा, 'वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को व्यास जी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया जाता है.' बता दें कि यादव ने पहले कहा था कि अधिकारियों ने 1993 में तहखाने पर बैरिकेड लगा दिया था और उसमें ताला लगा दिया था. इससे पहले, तहखाने का इस्तेमाल पुजारी सोमनाथ व्यास द्वारा पूजा के लिए किया जाता था. ऐसा यादव ने अपनी याचिका में दावा किया था.
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