ज्ञानवापी केस में आज आएगा अहम फैसला, जानें क्या है विवाद और पूरी टाइमलाइन

Gyanvapi case Verdict: वाराणसी जिला अदालत फैसला सुनाएगी कि इस केस में जिला अदालत में आगे की सुनवाई होगी या नहीं. पुलिस का फ्लैग मार्च और पेट्रोलिंग जारी है. वहीं होटल और गेस्ट हाउस में भी चेकिंग की जा रही है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 12, 2022, 08:45 AM IST
  • याचिकाकर्ताओं का दावा है कि औरंगजेब के आदेश पर मंदिर तोड़ा गया
  • पांच महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन की अनुमति मांगी है
ज्ञानवापी केस में आज आएगा अहम फैसला, जानें क्या है विवाद और पूरी टाइमलाइन

नई दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में आज सोमवार 12 सितंबर को अहम फैसले का दिन है. आज वाराणसी जिला अदालत फैसला सुनाएगी कि इस केस में जिला अदालत में आगे की सुनवाई होगी या नहीं. फैसले के चलते शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है और सुरक्षा व्यवस्था में बेहद कड़ी की गई है. पुलिस का फ्लैग मार्च और पेट्रोलिंग जारी है. वहीं होटल और गेस्ट हाउस में भी चेकिंग की जा रही है. सोशल मीडिया पर भी पुलिस की नजर है. 
 
ज्ञात हो कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण ने 24 अगस्त को केस का आदेश सुरक्षित रखा था. नागरिक प्रक्रिया संहिता सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत ये केस सुनने योग्य है या नहीं, इसी पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.  
 
क्या है विवाद 
वाराणसी के मशहूर काशी विश्वानाथ मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था, जो मालवा राजघराने से तालुक रखती थीं. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि औरंगजेब के आदेश पर काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई गई. वहीं मस्जिद परिसर में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं और उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा की इजाजत दी जाए. हिंदू पक्ष के दावे के मुताबिक 1993 से पहले तक ज्ञानवापी मस्जिद के कुछ हिस्सों में हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक पूजा होती थी और इस मस्जिद का पूरा ढांचा मंदिर को तोड़कर बनाया गया है.
 
विवाद की टाइमलाइन
1919- स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से वाराणसी कोर्ट में पहली याचिका दायर हुई. ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने की अनुमति मांगी गई. 
1998- ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमान इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट के आदेश पर सिविल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगी और फिर 22 साल तक सुनवाई नहीं हुई.
2019- स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से अदालत में याचिका दायर की ज्ञानवापी का सर्वे कराने की मांग की गई. 
2021- पांच महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दायर कर श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन की अनुमति मांगी. 
15 अप्रैल 2022: कोर्ट कमिश्नर ने 19 अप्रैल को सर्वे करने के लिए सभी पक्षकारों को अवगत कराया.
14 मई से 16 मई 2022- कोर्ट  कमिश्नर ने सर्वे की कार्रवाई पूरी की. इस दौरान हिंदू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा क्या. कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील करने का आदेश दिया. 

 
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