नई दिल्ली: Cyclone Asna: गुजरात राज्य के कच्छ तट पर बना चक्रवाती तूफान असना बिना कुछ ज्यादा प्रभाव डाले अरब सागर में ओमान की तरफ बढ़ गया है. मौसम विभाग के मुताबिक यह तूफान अगले 24 घंटों में अरब सागर के उत्तर-पूर्व में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ेगा और भारतीय तट से दूर हो जाएगा. असना तूफान साल 1976 के बाद से अरब सागर में अगस्त के महीने के दौरान आया पहला चक्रवात तूफान है. इस तूफान का 'असना' नाम पाकिस्तान ने रखा है. बता दें कि 31 अगस्त 2024 तक इस तूफान के गुजरात के तटों से टकराने की आशंका जताई गई थी, हालांकि अब यह अरब सागर में पाकिस्तान की ओर मुड़ गया है.
जमीन में बन रहा असना तूफान
गुजरात के पास अरब सागर में हुई इस हलचन ने वैज्ञानिकों को भी चकरा दिया है. बता दें कि आमतौर पर तूफान समुद्र में बनते हैं इसके बाद वे जमीन पर आकर बसते हैं, लेकिन असना तूफान जमीन के उपर दबाव बनाकर समुद्र में जा रहा है और फिर एक चक्रवाती तूफान का रूप ले रहा है. इतना ही नहीं अगस्त के महीने में अरब सागर में इस तरह का साइक्लोन बनना भी वैज्ञानिकों को हैरत में डाल रहा है.
तूफान देख हैरत में पड़े वैज्ञानिक
आमतौर पर मॉनसून में अरब सागर का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. वहीं चक्रवाती तूफान तब बनते हैं जब तापमान 26.5 डिग्री से उपर जाता है. ऐसे में जुलाई से लेकर सितंबर तक यहां साइक्लोन बनने की संभावना बेहद कम होती है. वहीं मॉनूसन में अरब सागर का पश्चिमी हिस्सा बेहद ठंडा रहता है और अरब प्रायद्वीप से शुष्क हवाएं आती है, जिसके चलते चक्रवाती तूफान नहीं बनता है.
Cyclonic Storm ASNA lay centered at 1730 hours IST of 30th August, 2024 near 170 km west of Naliya (Gujarat), 160 km south of Karachi (Pakistan) and 430km east-southeast of Pasni (Pakistan).
It is likely to continue to move away from Indian coast during next 24 hours. pic.twitter.com/KWHuWl0GH3— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 30, 2024
मौसम विभाग के मुताबिक बेहद दुलर्भ मामलों में ही अगस्त के महीने में अरब सागर में चक्रवाती तूफान देखने को मिलते हैं. वहीं अब तक सिर्फ 3 तूफान ही अगस्त में अरब सागर से उठे हैं. पहला साल 1944, दूसरा साल 1964 में और तीसरा साल 1976 में आया था. ये तीनों तूफान तट पर आते ही काफी कमजोर पड़ गए थे, हालांकि बंगाल की खाड़ी में पिछले 132 सालों में अगस्त के महीने में अबतक 28 तूफान आ चुके हैं.
ग्लोबल वॉर्मिंग तो नहीं है कारण?
मौसम विभाग के मुताबिक आमतौर पर चक्रवाती तूफान नवंबर के महीने में अधिक देखने को मिलते हैं. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने भी अपने 'X' हैंडल पर इसको लेकर हैरानी जताई है. उन्होंने लिखा,' यह देखकर हैरानी हो रही कि उत्तर अरब सागर पर बना सिस्टम चक्रवाती तूफान में तब्दील होता जा रहा है. किताबों में हमने सीखा कि उत्तर अरब सागर मौसम के दौरान समुद्र के उभार के कारण ठंडा हो जाता है और कोई भी प्रणाली तीव्र नहीं हो पाती है. क्या यह ग्लोबल वार्मिंग का असर है? इसे बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है.'
Monsoon Update
Surprising to see the system over N Arabian sea is intensifying into a cyclonic storm. In text books we learnt that N Arabian sea becomes colder during the season due to ocean upwelling & no system can intensify
Effect of global warming? Need to understand better pic.twitter.com/itriclb8VT
— Madhavan Rajeevan (@rajeevan61) August 30, 2024
इस तरह के तूफान की वजह से सवाल खड़ा हो रहा है कि कहीं ये ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते तो नहीं हो रहा है. वैज्ञानिकों को इसकी जांच जरूर करनी चाहिए ताकि आगे चलकर कुसी तूफान के जमीन के अंदर से निकलकर समुद्र में जाकर चक्रवाती बनने की इस दुलर्भ स्थिति की भविष्यवाणी की जा सके.
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