Electoral Bonds Data details: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा साझा किए गए चुनावी बांड डेटा को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश किया. यह डेटा शीर्ष अदालत की समय सीमा से एक दिन पहले पब्लिश कर दिया गया है.
पोल पैनल को जानकारी वेबसाइट पर डालने के लिए कहा गया था. SBI को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा तैयार करने के लिए कहा गया था. जहां 15 मार्च को शाम 5 बजे तक EC को इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डालना था. हालांकि, यह एक दिन पहले ही हो गया है.
Electoral Bonds Data: क्या है ये डेटा और कितने पेज का?
डिटेल्स के पहले पार्ट में 337 पेज (12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का डेटा) हैं जिनमें चुनावी बांड खरीदने वाली संस्थाओं और खरीद की तारीख का विवरण है. 426 पेजों वाले दूसरे पार्ट (12 अप्रैल 2019 से लेकर 24 जनवरी 2024 तक का डेटा) में राजनीतिक दलों, तारीखों और राशि का विवरण दिया गया है. हालांकि, यह पता नहीं चल पा रहा है कि किस कंपनी ने किसका चुनावी बांड खरीदा है.
Electoral Bonds Data: दान देने वाले और लेने वाले कौन?
चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स और वेदांता लिमिटेड शामिल हैं.
चुनावी बांड खरीदने वालों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा शामिल हैं.
चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त करने वालों में भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, आप, सपा शामिल हैं.
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