MCD की हार से BJP ने लिया सबक? क्या है दुनिया की सबसे अमीर नगर पालिका BMC में जीत का मास्टर प्लान

बीजेपी ने दुनिया की सबसे अमीर महानगर पालिका यानी BMC चुनाव की भी तैयारी शुरू कर दी है. तो देश की राजधानी में किस्मत आजमाने के बाद अब बीजेपी के सामने आर्थिक राजधानी में टेस्ट है. बीएमसी चुनाव में भी बीजेपी के सामने चुनौती छोटी नहीं है. सामने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना है जो करीब तीन दशक से ज्यादा वक्त से  बीएमसी की सत्ता पर काबिज है. 

Edited by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 8, 2023, 02:16 PM IST
  • एमसीडी चुनाव में बीजेपी को मिली है हार.
  • कुछ ही महीनों में हो सकते है बीएमसी चुनाव.
MCD की हार से BJP ने लिया सबक? क्या है दुनिया की सबसे अमीर नगर पालिका BMC में जीत का मास्टर प्लान

नई दिल्ली. केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी दिल्ली नगर निगम यानी MCD 2022 का चुनाव हार चुकी है. 2017 में इस नगर निगम में बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की थी. लेकिन राज्य में आप के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोकप्रियता का सहारा पार्टी निगम चुनाव में भी मिला. हालांकि अभी तक दिल्ली को अपना नया मेयर नहीं मिल पाया है. लेकिन इन सब राजनीतिक सरगर्मियों के बीच बीजेपी ने दुनिया की सबसे अमीर महानगर पालिका यानी BMC चुनाव की भी तैयारी शुरू कर दी है. तो देश की राजधानी में किस्मत आजमाने के बाद अब बीजेपी के सामने आर्थिक राजधानी में टेस्ट है. 

बीएमसी चुनाव में भी बीजेपी के सामने चुनौती छोटी नहीं है. सामने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना है जो करीब तीन दशक से ज्यादा वक्त से  बीएमसी की सत्ता पर काबिज है. यही नहीं 5 विधान परिषद सीटों के लिए हुए हालिया चुनाव में एमवीए गठबंधन के 3 सीटें हासिल करने के बाद शिवसेना का आत्मविश्वास और ज्यादा बढ़ गया है. शिवसेना भी एमवीए का पार्ट है. उसके दो और सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी हैं. खैर शिवसेना से इतर बीजेपी से दिल्ली एमसीडी चुनाव में क्या चूक हुई और अब एमसीडी के लिए उसकी क्या प्लानिंग हो सकती है? आइए एक नजर डालने की कोशिश करते हैं....

एमसीडी चुनाव में हार के कारण
1 -एमसीडी में चुनावी हार के पीछे सबसे बड़ी वजहों में से एक दिल्ली में बीजेपी में अरविंद केजरीवार की टक्कर का एक लोकप्रिय चेहरा न होना है. केजरीवाल अब भारतीय राजनीति में एक ब्रांड के रूप में देखे जाते हैं. वहीं दिल्ली बीजेपी में कई चेहरे हैं लेकिन किसी एक के नाम पर सामन्जस्य नहीं बन पाया. केंद्रीय लीडरशिप की तरफ से किसी एक नेता के कंधे पर जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई. वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी को अरविंद केजरीवाल के चेहरे का फायदा मिला.  

2 -आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सफाई के मुद्दे को बेहद कारगर तरीके से उठाया. वहीं एमसीडी में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी आप लगातार बीजेपी को घेरती रही. आप के सवालों का बीजेपी की तरफ से माकूल जवाब नहीं दिया गया. वहीं दिल्ली में बीजेपी के सामने एंटी-इंकंबेंसी भी एक बड़ा फैक्टर था. बीजेपी दिल्ली एमसीडी की सत्ता पर करीब 15 वर्षों से काबिज थी. इस बार आप की लहर में उसे सत्ता से हाथ गंवाना पड़ा है.

बीएमसी चुनाव की प्लानिंग
1 -अगर बीएमसी चुनाव की प्लानिंग बात करें तो बीजेपी इसकी तैयारी पिछले साल ही शुरू कर चुकी है. पार्टी हिंदू त्योहारों के मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है और उद्धव की अगुवाई वाली एमवीए सरकार को घेरती रही है. बीजेपी की तरफ से आरोप लगाए गए थे कि उद्धव सरकार के दौरान हिंदू त्योहारों को खुले रूप से मनाने की इजाजत नहीं दी जाती थी. 

2 -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते महीने मुंबई गए थे और मुंबईवासियों को मेट्रो समेत अन्य कई प्रोजेक्ट की सौगात दी. अब 10 फरवरी को भी पीएम मोदी मुंबई जा सकते हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी की रणनीति बीएमसी चुनाव के लिए और ज्यादा आक्रामक हो सकती है. पीएम मोदी की आम जनमानस में जबरदस्त लोकप्रियता बीजेपी के ब्रह्मास्त्र का काम कर सकती है.

3 -साथ ही अब देवेंद्र फडणवीस और सीएम एकनाथ शिंदे की जोड़ी भी बीजेपी के पास है. माना जा रहा है कि पार्टी इन दोनों नेताओं की लोकप्रियता भी बीएमसी चुनाव में भुनाने की कोशिश करेगी. ठाकरे परिवार के प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए राज ठाकरे से बीजेपी की नजदीकियों की खबरें भी सामने आई थीं. हालांकि इन दोनों के गठजोड़ पर अब तक कोई फाइनल मुहर नहीं लगी है. 

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